BJP MP furious at Prime Minister: अभी हाल ही में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanyam Swami) ने अपना बयान जारी किया है. उनको अफगानिस्तान और चीन के मसले पर अपनी पार्टी की सरकार का रुख समझ नहीं आ रहा. लगातार वह कभी इशारों में तो कभी खुलकर केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं. अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में पाकिस्तानी दखल की ईरान ने आलोचना की है, मगर भारत चुप है. एक यूजर ने जब इसे लेकर सवाल किया तो स्वामी ने कहा कि ‘वेट एंड वॉच’ में दिमाग नहीं चलाना पड़ता. स्वामी ने 9 सितंबर को प्रस्तावित BRICS 2021 सम्मेलन में भारत और चीन के एक मंच पर आने को लेकर भी स्वामी ने कटाक्ष किया है.
Iran slams Pakistan’s role in Panjshir valley, wants probe. @Swamy39
Will India @narendramodi going to hold Pakistan accountable for the same or still want to wait & watch?#PanjshirResistance#ProbePakForPanjshirhttps://t.co/HhASEeYQBL— Pritam Sarbabidya (@PSarbabidya) September 7, 2021
The theme for the BRICS 2021 Summit is "BRICS at 15: Intra-BRICS cooperation for continuity, consolidation and consensus". India had outlined four priority areas for its chairship, including counter terrorism, using digital and technological tools for achieving SDGs. 🍀🌟 pic.twitter.com/r71iQaCh7K
— Dharma (@Dharma2X) September 7, 2021
गौरतलब है कि BRICS देशों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया. सम्मेलन से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चीन से बातचीत उच्च प्राथमिकता है. इसी पर स्वामी ने लिखा, “चीन के साथ आज बातचीत का मतलब है कि थप्पड़ खाने, मारे जाने और चीन के हंसने पर मजे लेना. दुख की बात है कि भारत माता का प्रतिनिधित्व करने करने वाले गुलामों के राष्ट्रीय स्वाभिमान में इतनी गिरावट हो गई है.” वही एक और अन्य ट्वीट में स्वामी ने पूछा, “BRICS के अन्य सदस्यों के सदस्य देशों की जमीन पर कब्जा करने पर कुछ नहीं? कोई आया नहीं कोई गया नहीं सिंड्रोम”
बता दें कि 13वां BRICS सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में हुआ. यह दूसरा मौका है जब प्रधानमंत्री मोदी (Modi) ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता की. बता दें कि इससे पहले 2016 में उन्होंने गोवा सम्मेलन की अध्यक्षता की थी. बता दे की विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो भी शामिल थे. चीन में इस बैठक में अफगानिस्तान और तालिबान के बारे में बात की. बता दें कि ड्रैगन ने तालिबान को खुलकर समर्थन दिया है और तालिबान के साथ राजनयिक संबंध भी स्थापित कर लिए हैं.