Indian player played in the final of this game: भारत के घुड़सवार फवाद मिर्ज़ा टोक्यो ओलंपिक (Olympic) 2020 की घुड़सवारी स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने थे .
इस इवेंटिंग स्पर्धा के फाइनल में वह 23वें स्थान पर रहे. मिर्जा ने अपने घोड़े “सिगन्योर मेडिकॉट” के साथ व्यक्तिगत इवेंटिंग वर्ग के जंपिंग फाइनल्स में रविवार को प्रवेश किया था. फाइनल में उन्हें 12.40 पेनल्टी अंक मिले और उनके कुल 59.60 पेनल्टी अंक रहे जिसमें क्वालीफाइंग स्पर्धाओं ड्रेसेज, क्रॉसकंट्री और जंपिंग के तीन दौर के अंक शामिल है.
जर्मनी की जूलिया क्राजेवस्की को स्वर्ण मिला जो इवेंटिंग के इतिहास में पहली महिला ओलिंपिक चैम्पियन है. ब्रिटेन (Britain) के टॉम मैकइवन दूसरे और ऑस्ट्रेलिया के एंड्रयू हॉय तीसरे स्थान पर रहे.
गौरतलब है कि, इस भारतीय घुड़सवार के मेडल जीतने के आसार पहले से ही कम नजर आ रहे थे , लेकिन ओलिंपिक के एक ऐसे खेल के फाइनल में पहुंचना जिस खेल का नाम भी देश के आधे लोग न जानते हो और अगर जानते भी होंगे तो उन्हें यह नही पता होगा कि कोई भारतीय खिलाड़ी इस खेल में देश का प्रतिनिधित्व कर रहा है, ऐसे में पूरे देश के लिये और खुद अपने लिये भी उन्होंने एक बेहद खास उपलब्धि हासिल कर ली है.
हम आपको बताते चले की फवाद मिर्जा 20 वर्षों में पहले ऐसे भारतीय घुड़सवार हैं, जो किसी ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे है.
ओलंपिक में पिछले दो दशक से अधिक समय में घुड़सवारी में उतरे एकमात्र भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा रविवर को क्रॉस कंट्री स्पर्धा के बाद 11. 20 पेनल्टी अंक के साथ 22वें स्थान पर रहे थे.
फवाद मिर्जा (Fouaad Mirza) के कुल 39-20 पेनल्टी प्वाइंट्स थे.
तीसरे भारतीय घुड़सवार है मिर्ज़ा –
फवाद मिर्ज़ा किसी भी ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले तीसरे भारतीय घुड़सवार हैं. उनसे पहले इंद्रजीत लांबा (1996, अटलांटा) और इम्तियाज अनीस (2000, सिडनी) भी ओलिंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. लांबा ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले भारतीय व्यक्तिगत घुड़सवार थे.
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