देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पार्टी है और सोनिया गांधी इस पार्टी का यानी कि भारतीय राजनीति का एक बड़ा नाम भी है! करीब 30 साल से वह राजनीति में काफी सक्रिय है! सोनिया गांधी वैचारिक मतभेद के बाद भी अपने विरोधियों से कई मर्तबा गर्म जोशी से मिलती दिखती हैं! ऐसे में अटल बिहारी एक जमाने में सोनिया गांधी के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी थे लेकिन उसके बावजूद दोनों के बीच संबंध काफी मधुर रहे!
राजनीति के मैदान में सोनिया गांधी ने कई बार अटल बिहारी वाजपेई के लिए आलोचना शब्दों का भी इस्तेमाल किया था लेकिन जहां बात राजनीति से हटकर आती है तो वह तो प्रधानमंत्री का काफी सम्मान भी करती थी! अटल बिहारी वाजपेई भी तमाम असहमतियों के बावजूद भी सोनिया गांधी का बहुत सम्मान किया करते थे!
13 दिन 2001 को जब संसद भवन के ऊपर आतंकी हमला हुआ था तो उस समय अटल बिहारी प्रधानमंत्री थे और सोनिया गांधी विपक्ष की नेता! हमले के ठीक पहले कार्यवाही स्थगित होने के कारण सोनिया गांधी और अटल बिहारी अपने आवास के लिए निकल चुके थे! जिस समय हमला हुआ था उस दौरान लालकृष्ण आडवाणी ही मंत्रियों और करीब 200 सांसदों के साथ लोकसभा के अंदर थे!
ऐसे में जब सोनिया गांधी अपने आवास पर पहुंच गई तो उस समय टीवी के माध्यम से उनको मालूम चला कर संसद पर आतंकवादी हमला हो चुका है इस भयानक मंजर को देखने के बाद सोनिया गांधी ने सबसे पहला फोन उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को किया था! सोनिया गांधी ने अटल बिहारी को फोन करके पूछा था कि आप सुरक्षित तो है ना? जिसके जवाब में अटल बिहारी वाजपेई ने भी एक अच्छा जवाब दिया था वह कहा था कि मेरा छोड़िए आप बताइए कि आप ठीक है या नहीं!