गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सुरक्षा की वजह से गोरखनाथ मंदिर के दक्षिण पूर्वी कोने पर स्थित अल्पसंख्यकों के 11 घरों को कराया जाएगा. इस संबंध में जिला प्रशासन तैयारी कर रहा है. जिला प्रशासन ने दावा किया है कि सभी की सहमति के बाद ही घर खाली कराए जाएंगे. खाली कराने के बाद संबंधित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाएगा और बसने के लिए दूसरी व्यवस्था की जाएगी.
इस संबंध में प्रशासन द्वारा एक पत्र तैयार की गई है जिसमें से 11 में से 9 लोगों ने दस्तखत कर दिए हैं जबकि अभी 2 घर बाकी है. वहीं दूसरी और दबी जुबान में लोग आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं कि प्रशासन जबरन दस्तखत करा रहे हैं. इसके बाद शासन के बल पर घर खाली करवाए जा रहे हैं.
वहीं दूसरी और प्रशासन ने दावा किया है कि किसी भी परिवार पर कोई भी दबाव नहीं बनाया जा रहा है और सबकी सहमति से ही यह कार्य शांतिपूर्ण ढंग से किया जा रहा है.
खतरे में सीएम की सुरक्षा, एजेंसियों ने तैयार किया रिपोर्ट
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक केंद्र और राज्य की खुफिया एजेंसियों ने एक रिपोर्ट तैयार की है. इसी रिपोर्ट के आधार पर मंदिर के मुख्य गेट से सटे पंजाब नेशनल बैंक की इमारत, जोकि मंदिर की संपत्ति है,उसे भी परिसर में मिलाने का प्रस्ताव है ताकि मुख्य द्वार पर सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ाई जा सके.
अफवाह फैला कुछ लोग मामले को धार्मिक रूप देने में जुटे; प्रशासन
इस बात पर जिला प्रशासन ने कहा कि अभी मामला प्रारंभिक दौर में है. इसमें जो भी घर हटाने की तैयारी हो रही है वह सभी अल्पसंख्यक के हैं. इसी बात का फायदा उठाकर कुछ लोग तरह-तरह की बातें बना रहे हैं और इसे धार्मिक रूप देने में तूल गए हैं.
प्रशासनिक व्यवस्था का कहना है कि मकान सेफ्टी में कोई जोर जबरदस्ती नहीं होगी. जो सहमति से जाना चाहे, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा. इसकी जानकारी सबको दी जा चुकी है. मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मसला है, इस लिहाज से सभी लोग संवेदनशीलता दिखा रहे हैं. सब खुद मुआवजा लेकर दूसरी जगह जाने के लिए तैयार हैं