लव जिहाद का एक मामला उत्तराखंड के हरिद्वार से देखने को मिला है. 16 और 17 साल के दो नाबालिक हिंदू लड़कियों का समुदाय विशेष के एक लड़के द्वारा अपहरण कर लिया गया. अपहरणकर्ता शाहरुख की उम्र लगभग 20 साल बताई जा रही है.
वर्तमान समय में देश ने लव जिहाद के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. कुछ राज्यों में इसके लिए सख्त कानून बनाए तो गए हैं पर रोजाना ही कहीं ना कहीं लव जिहाद के षड्यंत्र समाचार पत्रों में सुनने को मिल ही जाते हैं.
यह घटना उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के सामने आई है. 20 वर्षीय शाहरुख द्वारा 16 एवं 17 वर्ष की दो नाबालिग बच्चियों का बृहस्पतिवार 28 मई का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया. घटनास्थल का नाम सुमन नगर है.
रिपोर्ट के मुताबिक परिवार के सदस्य हरीश देवली ने बताया कि पीड़िता के घर वाले सुबह उठे तब 16 वर्ष की शालिनी मनॉडी घर से लापता थी. पीड़िता साले ने रिश्ते से हरीश की भांजी लगती हैं. उन्होंने बताया कि शालिनी एवं 17 वर्षीय दूसरी नाबालिक बच्ची द्वारा रात में ही अपने अपने घर वालों नींद की गोलियां मिलाकर खिला दी गई थी.
शालिनी के परिवार वाले आर्थिक रूप से सामान्य परिवार से संबंध रखते हैं. पीड़िता के पिता ओमप्रकाश मनॉडी हरिद्वार में ही एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं.
परिवार वालों का मानना है कि दोनों लड़कियों के नाबालिग होने के कारण किसी बड़े द्वारा ही बने इस प्रकार घरवालों को नींद की दवा खिलाकर बेहोश करने की योजना समझाई गई होगी. अब तक दोनों बच्चियों द्वारा किसी भी प्रकार का पत्र या नोट बरामद नहीं किया गया है.
आरोपित शाहरुख उसी मोहल्ले का रहने वाला था. वह एक फर्नीचर वेल्डिंग की दुकान में काम करता था. पड़ोस में ही रहने के कारण व कभी-कभी पानी मांगने आ जाया करता था. पड़ोस में ही दुकान होने की वजह से घर वालों ने भी उस पर कभी शक नहीं किया.
शाहरुख हरिद्वार के ही सलेमपुर क्षेत्र में रहता है तथा उसका परिवार उत्तर प्रदेश के बिजनौर में रहता है. पुलिस द्वारा शाहरुख की मोटरसाइकिल भी जप्त कर ली गई है जिस पर नंबर प्लेट है ही नहीं.
रिपोर्ट के अनुसार हरीश ने बताया कि,’ वह घटना को लेकर शाहरुख के परिवार से बातचीत करने भी गए. किसी भी आरोपित के परिवार की तरह ही कन्नी काटते हुए कर दिया,’ मुझे मतलब नहीं है, जहां दिखे मार दो’.
पुलिस द्वारा शुरुआत में इस मामले को गोल करने का प्रयास किया जा रहा था परंतु बजरंग दल जैसे हिंदू संगठन में मौके पर आकर ही पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाया और जवाबी कार्रवाई करने को मजबूर किया.
गौरतलब है कि अभी तक पुलिस द्वारा घटना को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं.