पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव पर स्थित अंटार्कटिका जो सिर्फ बर्फ का ही बना हुआ है, आज पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन चुका है. इसका कारण यह है कि अंटार्कटिका का एक बहुत बड़ा हिमखंड जो लगभग दिल्ली से भी बड़ा है टूट कर अलग हो चुका है. यह हिमखंड लगभग 4320 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यह अब तक का दुनिया का सबसे बड़ा आइसबर्ग है. इसे वैज्ञानिकों ने A-76 नाम दिया है जो इंसानों द्वारा प्रकृति से छेड़छाड़ का एक उदाहरण है.
Meet the new cool kid on the iceberg block: the recently calved #A76 is now the biggest iceberg in the world!
The iceberg was spotted by @BAS_News and confirmed from @usnatice using @CopernicusEU #Sentinel1 imagery.
Here's how it looked on 16 May👇https://t.co/GgFk6kIJLv pic.twitter.com/xOVWjidsZw— ESA Earth Observation (@ESA_EO) May 19, 2021
ईश्वर को सबसे पहले यूरोपियन स्पेस एजेंसी के सेटेलाइट द्वारा देखा गया था जो समुद्र में स्थित रॉने आईसेल्फ से टूटा है. फिलहाल अभी वेडल समुद्र में ही तैर रहा है. इसकी लंबाई लगभग 170 किलोमीटर और चौड़ाई 25 किलोमीटर है. इस आइसबर्ग के टूटने का कारण बढ़ रहा तापमान है.
Relive the birth of the #A76 iceberg with this stunning animation!
The animation was created using four @CopernicusEU #Sentinel1 images and shows the giant slab of ice breaking off from the Ronne Ice Shelf on 13 May 2021.
A-76 is currently the biggest iceberg in the world😱 pic.twitter.com/h97PbYdo0y
— ESA Earth Observation (@ESA_EO) May 20, 2021
गौरतलब है कि यह पहला नतीजा नहीं है जब कोई आइसबर्ग इस क्षेत्र में टूटा हो. लेकिन यहां इस बार अब तक का सबसे बड़ा आइसबर्ग है. यह ग्लोबल वार्मिंग का नतीजा है. इससे पहले 1986 में इसी आइसशेल्फ सेठ लगभग 11,000 वर्ग किलोमीटर का आइसबर्ग अलग हुआ था.
ध्यान देने की बात तो यह है कि 1880 के बाद समुद्र का जल स्तर लगभग 9 इंच बढ़ गया है जो एक चिंता का विषय है.