फारुख अब्दुल्ला वह इंसान है जो कश्मीर में धारा 370 लगने की वकालत करते हैं. जो कश्मीर में 35A लगाए जाने की वकालत करते है, लेकिन साथ ही वह कहते है की कश्मीर का विलय पाकिस्तान में मेरे जिन्दा रहते हुए नहीं हो सकता. सवाल यह है क्या फारुख अब्दुल्ला खुद को भारतीय मानते हैं या फिर वह भी कट्टर मुस्लिम कश्मीरी आतंकियों की तरह खुद को आज़ाद कश्मीर का नागरिक मानते हैं?
एक बार एक पत्रकार ने फारुख अब्दुल्ला से यही सवाल किया था. उस समय फारुख अब्दुल्ला इतना ज्यादा गुस्सा हो गए थे की उन्होंने पत्रकार को धमकी देते हुए कहा था की. ‘अगली बार यह सवाल सोच समझ कर पूछना’. यह वाक्या मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान हुआ था.
2017 में जब महागठबंधन की तैयारी कर मोदी को लोकसभा में हराने की तैयारी चल रही थी उस समय आज तक न्यूज़ चैनल के कार्यकर्म अजेंडा में फारुख अब्दुल्ला बतौर मेहमान बनकर आये थे. इस शो को होस्ट भारत के जाने माने एंकर पुण्य प्रसून बाजपेयी कर रहे थे.
शो चल ही रहा था की बीच में पुण्य प्रसून बाजपेयी ने फारुख अब्दुल्ला से सवाल पूछते हुए कहा की, “आप अलगाववादियों को महत्व देते हैं और अलगाववादी साफ कहते हैं कि कश्मीर को एक होना चाहिए. उनकी आजादी का मतलब यह है. आप एक लकीर खींच चुके हैं अपनी राजनीति के लिए. आप खुद को भारतीय मानते हैं न?”
इस सवाल पर फारुख अब्दुल्ला बेहद नाराज़ और गुस्सा हो गए थे और यह उनके चेहरे और आवाज़ में साफ़ दिख भी रहा था. फारुख अब्दुल्ला ने जवाब देते हुए गुस्से में कहा की, “क्या आपको इस पर शक है. अफसोस तो ये है कि आपको शक है. ये आप हैं, जिन्हें शक है. क्या आप इनसे पूछेंगे कि यह भारतीय हैं या नहीं. किसने आपको यह अधिकार दिया है कि आप मुझसे पूछें कि मैं भारतीय हूं या नहीं.”
उन्होंने आगे कहा की, “मैं 82 साल का हूं. मैं अब कोई राजनीति की बात नहीं करता हूं. ये बात राजनीति की नहीं है, ये रिएलिटी की है. मुझे आप कैसे बता सकते हैं कि मैं भारतीय हूं या नहीं. यह सवाल बार-बार आता है, क्योंकि आपके सिर पर यह बीमारी पैदा हो गई है. आपको किसी मनोवैज्ञानिक से मिलना चाहिए. आपकी हिम्मत कैसे हो गई मुझसे यह पूछने की.”