मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ की सचिन वझे की चिठ्ठी ने बड़ा धमाका कर दिया हैं. जैसा की आप सब जानते होंगे सचिन वझे ने पुलिस से अपना इस्तीफ़ा देकर शिवसेना पार्टी को ज्वाइन कर लिया था. उसके बाद शिवसेना की सरकार बनी तो सचिन वझे ने फिर से नौकरी ज्वाइन कर ली.
ऐसे में सवाल तो कई थे लेकिन मीडिया में इसके पीछे के कारन उजागर नहीं हुए थे. अब सचिन वझे एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अम्बानी के घर के बाहर आतंकी गतिविधि में शामिल होने और अपने दोस्त मनसुख हिरेन की हत्या के दोष में NIA की कस्टडी में हैं और अब सचिन वझे ने अपनी एक चिठ्ठी से खुलासा करते हुए सबको चौंका दिया हैं.
सचिन वझे की चिठ्ठी में बताया गया है की महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने उनको नौकरी पर वापिस रखने के लिए 2 करोड़ रूपए की रिश्वत मांगी थी. सचिन वझे ने कहा की इसके पीछे की वजह शरद पवार थे, शरद पवार मुझे वापिस नौकरी पर रखना नहीं चाहते थे लेकिन अनिल देशमुख ने कहा की अगर मैं उन्हें 2 करोड़ रूपए की राशि दूँ तो वह शरद पवार से बात करके मामला सुलझा लेंगे.
सचिन वझे ने यह भी कहा की मुझे कुल 1650 से अधिक बार उगाही के लिए कहा जा चूका था और मैंने कई बार इसके लिए असमर्था भी जताई थी. उसके बाद अनिल देशमुख के PA ने उनसे अनिल देशमुख द्वारा दिए ऑफर पर विचार करने को कहा था.
सचिन वझे आगे लिखते है की अनिल परब ने उसे 50 करोड़ लेकर SBUT की जांच बंद करने का आग्रह किया था. इसके इलावा BMC के 50 बड़े ठेकेदारों से कुल 100 करोड़ रूपए की उगाही करने के लिए भी कहा था. जांच के पर्दे जैसे-जैसे खुल रहें हैं, वैसे-वैसे महा अघाड़ी विकास की सरकार में हुए महा भ्रस्टाचार का मामला भी साफ़ सामने आ रहा हैं.