कुछ लोग शायद नहीं जानते की जब बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति हुआ करते थे, उस समय जो बाइडेन अमेरिका के उप-राष्ट्रपति हुआ करते थे. उस दौरान जो बाइडेन के ही लिए गए फैसलों के चलते अमेरिका को सालाना आतंकवाद से लड़ने के लिए करोड़ों डॉलर की राशि मुहैया करवाई जाती थी.
यह बिलकुल वैसा ही था जैसे कबूतर पकड़ कर बेचने वाले को आप कबूतर उड़ाने के लिए पैसे दे दें. खैर जब डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) का कार्यकाल शुरू हुआ तो पाकिस्तान की हालत बत्तर से बत्तर होती चली गयी. अमेरिका (America) ने इस तरह की सभी राशियों पर रोक लगा दी, इसके इलावा इस्लामिक आतंकवाद के ऊपर जमकर बोलने वाले ट्रम्प ने भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) का कई मुद्दों पर कभी साथ नहीं दिया.
कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने 35A हटाए जाने, ट्रिपल तलाक़, CAA जैसे मुद्दों पर अमेरिका ने इसे भारत का आतंरिक मामला कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया. इसके इलावा चीन के मसले पर भी अमेरिका शुरू से भारत के साथ रहा, लेकिन जो बाइडेन (Joe Biden) और कमला हैरिस (Kamala Harris) विपक्ष में रहते हुए हमेशा पाकिस्तान के साथ नज़र आए.
इसलिए शुरू से ही जो बाइडेन के नेर्तत्व में अमेरिका से भारत को ज्यादा उम्मीद नहीं थी, जबकि पाकिस्तान को लग रहा था की जो बाइडेन के आने से ट्रम्प द्वारा रोकी गयी सहायता की राशि को पुन बहाल कर दिया जाएगा. लेकिन जो बाइडेन ने अपने देश के नागरिकों को साउथ एशिया के तीन देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश न जाने की सलाह दे दी हैं, उनका कहना है की इन देशो में यात्रा करना खतरनाक हो सकता हैं.
दरअसल अमेरिका का कहना है की इन देशों में आतंकवाद अपने चर्म पर हैं, पाकिस्तान और भारत के बीच अब कुछ भी ठीक नहीं हैं. बॉर्डर पर तनाव है और बलूचिस्तान द्वारा अपने अलग देश की मांग भी तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं. ऐसे में हालात कब खराब हो जाये पता नहीं, इसलिए अगले आदेश तक इन देशों की यात्रा करने से बचे, इस पुरे निर्देश में उन्होंने भारत के खिलाफ कुछ नहीं कहा जबकि युद्ध की स्थिति तो पाकिस्तान, चीन और भारत के बीच बन ही रही हैं.