जैसा की आप सब जानते हैं की किसान प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर बैठे हुए थे. यह प्रदर्शन नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) को लेकर है और किसानों का कहना था की अगर पुलिस हमने ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) न भी निकालने दे तो भी हम जबरदस्ती अवरोध को हटाते हुए दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे.
सरकार सेना और किसानो के बीच किसी तरह का विवाद नहीं चाहती थी, इसी लिए दिल्ली पुलिस ने कुछ शर्तों के साथ किसानों को रैली निकालने के लिए मंजूरी दे दी हैं. जिसमें सबसे पहली शर्त शांतिपूर्वक प्रदर्शन की हैं, हालाँकि यह ट्रैक्टर रैली कितनी शांति पूर्वक रहेगी यह किसान और उनके नेताओं के हाथ में ही होगा.
लेकिन इस मंजूरी के मिलने के बाद किसानों ने नई मांग रख दी हैं, जिसमें उन्होंने सबसे पहले तो दिल्ली पुलिस द्वारा रैली निकालने के लिए मंजूरी की टाइमिंग और फिर मंजूर किये रुट पर सवाल खड़े कर दिए. इसी को लेकर आज किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (Kisan Mazdoor Sangharsh Committee) के नेता सुखविंदर सिंह सभरा ने मीडिया से वार्तालाप की.
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सुखविंदर सिंह सभरा (Sukhwinder Singh Sabhra) ने मीडिया को ब्यान देते हुए कहा की, “शर्तों के साथ ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) निकालने की बात हमें मंजूर नहीं है. 12 बजे रैली निकालने का कोई तुक नहीं है. किसान ओल्ड रिंग रोड से जाना चाहते थे, लेकिन रैली को जिन इलाकों से इजाजत दी गई है, वह ज्यादातर हरियाणा का हिस्सा हैं.”
इसी के साथ किसान नेता हरिंदर सिंह लखोवाल (Harinder Singh Lakhowal) ने मीडिया को ब्यान देते हुए कहा है की, “हमारा रूटमैप कुल 500 किलोमीटर का है. हमने रूटमैप बना लिया है और नेट पर डाल देंगे. सरकार इंतजाम करे, ताकि कुछ गड़बड़ न हो. हमने 3,000 वॉलंटियर की फोर्स बनाई है, ताकि कुछ गड़बड़ ना हो. ट्रैक्टर रैली शांतिपूर्वक होगी.”
All we're saying is that we don't want to go there, we just want to go to Ring Road. We'll have a meeting with Police at 10 am today over this. It will then be decided where will we finally go. After the meeting, we'll decide the time & route of the rally: Sukhwinder Singh Sabhra https://t.co/sGWOa1afMp
— ANI (@ANI) January 25, 2021
इसका मतलब साफ़ है की पहले किसान नेता चाहते थे की दिल्ली पुलिस हमें शांतिपूर्वक ट्रैक्टर मार्च निकालने दे और जब दिल्ली पुलिस ने इनकी बातों को कुछ शर्तों के साथ मंजूर कर लिया है तो इनका कहना है की हमने किसी प्रकार की शर्तें नहीं चाहिए. अब देखना यह होगा की दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और किसान नेताओं के बीच कहीं आम किसानों को इसका खामियाज़ा न भुगतना पड़े.