ईसाई मजहब के प्रचारक पॉल दिनाकरन के 25 ठिकानों पर मारे गए छापे के बाद आयकर विभाग (Income Tax Department) को 118 करोड़ रूपए की अवैध संपत्ति और लगभग 4 किलो 500 ग्राम सोना बरामद हुआ हैं. तमिलनाडु (Tamil Nadu) के ईसाई प्रचारक पॉल दिनाकरन (Paul Dhinakaran) और उसकी कई संस्थाओं पर टैक्स चोरी के कई मामले दर्ज़ थे.
यह 4.5 किलो सोना ईसाई मजहब के प्रचारक पॉल दिनाकरन के घर से बरामद हुआ हैं और 118 करोड़ रूपए 25 ठिकानों पर छापे मारे जाने के बाद मिला. आपको बता दें की जिन 25 ठिकानों पर छापा मारा गया हैं वह चेन्नई (Chennai) और कोयंबटूर (Coimbatore) में दिनाकरन की संस्था ‘Jesus Calls Ministries’ से जुडी हुई हैं, यानी वो यह भी नहीं कह सकता की यह जगह मेरी नहीं थी.
यह छापे आज सुबह सुबह 6 बजे से ही शुरू हुए जिसमें 200 के करीब इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) के अधिकारी शामिल थे. 25 ठिकानों पर एक साथ अलग-अलग टीमों ने छापे मारे, जिसमें 118 करोड़ रूपए की नकदी में सबसे ज्यादा विदेशी फंड्स ही थे. आपको शायद पता न हो लेकिन ‘Jesus Calls Ministries’ और ‘Karunya University’ की स्थापना पॉल दिनाकरन के पिता डीजीएस दिनाकरन (Dr. DGS Dhinakaran) ने ही की थी.
डीजीएस दिनाकरन का निधन 2008 में हो गया था, जिसके बाद से पॉल दिनाकरन ही इन संस्थाओं के कर्ता-धर्ता बन गए. तमिलनाडु की राजनीती में भी पॉल दिनाकरन के परिवार का काफी प्रभाव हैं. राजनेताओं के साथ अच्छे तालमेल के चलते इस तरह की रेड कभी पहले पड़ी ही नहीं. अब भी जो रेड पड़ी हैं, वह मास मीडिया इतनी चलाई ही नहीं गयी.
#UPDATE– Complaint against #936 acres of illegally encroached forest land of #Elephant corridor by notorious evangelist @PaulDhinakaran_ #PaulDhinakaran forwarded by @moefcc to Inspector General- Wild Life- IG-WL! https://t.co/Z3mqRTWc95
— Legal Rights Observatory- LRO (@LegalLro) January 23, 2021
पॉल दिनाकरन ईसाई धर्म के प्रचार के लिए टीवी पर मशहूर हैं, इसके सतह उनके सोशल मीडिया पर भी अच्छे खासे फोल्लोवर्स हैं. इसी ईसाई धर्म के प्रचार के लिए विदेशों से भरपूर मात्रा में धन और सोना आता हैं. इस धन का उपयोग धर्मपरिवर्तन के लिए इस्तेमाल होता हैं. भारतीय सरकार ने पहले ही ऐसे NGO’s पर प्रतिबन्ध लगा रखा हैं, जिनका काम फंड इक्क्ठा कर धर्म परिवर्तन के लिए ईसाई मिशनरियों (Christian Missionaries) को मुहैया करवाना होता था. इसी वजह से अब यह काले धन के रूप में इसका इस्तेमाल कर रहें हैं.