औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर कांग्रेस दे रही गठबंधन टूटने की धमकी

मुख्यमंत्री पद क्या होता है महाराष्ट्र की जनता ने इसका एहसास पिछले कुछ महीनों से काफी किया होगा. उन्होंने देखा आखिर कैसे एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपना हिंदुत्व का अजेंडा छोड़कर सेक्युलर की राह पर चलना पड़ा. उन पार्टियों के खिलाफ गठबंधन करना पड़ा जिन पार्टियों के खिलाफ उनके पिता जी और वह खुद चुनाव लड़ते आये थे.

खैर जब दो पार्टियों की विचार धाराएं आपस में न मिलती हों तो गठबंधन कभी न कभी मुसीबत में आ ही जाता हैं. यही हुआ नई-नई सेक्युलर पार्टी बनी शिवसेना और भारत की सबसे पुरानी सेक्युलर पार्टी कांग्रेस के बीच. दरअसल उद्धव ठाकरे चाहते हैं की वह अपनी पार्टी की सबसे पुरानी मांग औरंगाबाद का नाम बदल कर संभाजी नगर कर दें.

कांग्रेस का कहना है की यह सेकुलरिज्म के खिलाफ हैं. बस यही वजह है की पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और शिवसेना आमने सामने कड़ी हुई हैं. इसी को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बयान देते हुए कहा है की, “औरंगजेब सेकुलर नहीं था इसलिए वह सेकुलर एजेंडे में फिट नहीं बैठता है.”

शिवसेना की यह मांग बहुत पुरानी हैं और इस मांग को वह BJP के नेर्तत्व में पूरा नहीं कर पाई थी. अब क्योंकि वह खुद सत्ता में मजूद हैं इसलिए वह अब इसे पूरा करना चाहती हैं, लेकिन कांग्रेस को इसमें अपने मुस्लिम वोटर्स की नाराज़गी नज़र आ रही हैं. इसलिए कांग्रेस का कहना है की औरंगाबाद का नाम गठबंधन में तो नहीं बदलने दिया जायेगा.

मतलब साफ़ है की कांग्रेस के लिए सत्ता ज्यादा मायने नहीं रखती, वह वैसे भी सत्ता में हैं ही नहीं. जितने भी बड़े पद हैं वह NCP और शिवसेना के कंट्रोल में हैं. NCP प्रमुख शारद पवार UPA का chairperson और फिर प्रधानमंत्री पद की दावेदारी ठोकने को तैयार हैं. उधर शिवसेना अपने मुख्यमंत्री पद का इस्तेमाल करते हुए अपना हिंदूवादी चेहरा भी खोना नहीं चाहती.

ऐसे में कांग्रेस बात-बात पर गठबंधन तोड़ने की धमकी दे रही हैं. जिसका मतलब यह होगा की या तो शिवसेना को मजबूरी में वापिस BJP के साथ गठबंधन करना पड़ेगा या फिर राज्य में दुबारा चुनाव होंगे. जिस तरह से महाराष्ट्र में हिंदुत्व की राजनीति हुई है उस हिसाब से दुबारा चुनाव होने की स्थिति में बीजेपी को इसका भरपूर फायदा मिल सकता हैं. लेकिन देखना यह होगा की संभाजी नगर का यह विवाद क्या गठबंधन के टूटने का कारण बनेगा?

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