पंजाब में जब से किसान आंदोलन शुरू हुआ हैं, तब से हिन्दू और सिखों में धर्म के नाम पर विवाद शुरू हो चूका हैं. पंजाब के सिख भाई लगातार हिन्दू देवी देवताओं को लेकर अभद्र शब्दावली का प्रयोग कर रहें हैं और जब इनपर कार्यवाही होती हैं तो कहते हैं की हम किसानों को समर्थन कर रहें हैं.
ऐसे में अब पंजाब पुलिस से ACP के पद से रिटायर्ड हो चुके और अब SP बने हुए हैं. बताया जा रहा हैं की SP शिंदरपाल सिंह के किसी दोस्त ने हनुमान जी DP अपने वत्स ऐप में लगाई हुई थी. जिसे देखने के बाद नशे में धुत शिंदरपाल सिंह ने एक ऑडियो क्लिप उस व्यक्ति को भेजा. इस ऑडियो क्लिप में भगवान् हनुमान को लेकर बहुत ही गन्दी शब्दावली का उपयोग किया गया था.
जिस व्यक्ति को यह ऑडियो क्लिप भेजा गया उससे भगवान् के खिलाफ इस तरह की शब्दावली बर्दास्त नहीं हुई और उसने सोशल मीडिया पर इस ऑडियो क्लिप को वायरल कर दिया जिसके बाद प्रदेश के हिंदू संगठनों ने थाने की घेराबंदी शुरू की और जायज़ कार्यवाही की मांग की.
लोगों में रोष देखते हुए शिंदरपाल ने बयान दिया की मैंने यह गालियां भगवान् हनुमान को नहीं बल्कि अपने दोस्त हनुमान को निकाली थी वह भी नशे की हालत में. इसी बीच हिन्दू संगठनों के बीच विश्व हिंदू परिषद के एक राज्य स्तरीय नेता ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा की आरोपी ने फिलहाल अपने बचाव में बयान दिया हैं की, “मैं अपने एक दोस्त से फोन पर एक और दोस्त के बारे में यह सब कह रहा था. मैंने जो भी बोला भगवान हनुमान के बारे में नहीं, अपने दोस्त हनुमान के बारे में बोला और अगर फिर भी कहते हो तो मैं माफी मांग लेता हूं.”
जब शिंदरपाल के सोशल मीडिया अकाउंट खंगाले गए तो पता चला की इसका एक बेटा कनाडा में हैं. यह लुधियाना में रहने वाला हैं, फिलहाल यह SP रैंक की पोस्ट पर हैं लेकिन अभी किस शहर में तैनात हैं उसकी जानकारी नहीं मिल पाई. यह पूरा मामला बटाला के रहने वाले ठठियारी मोहल्ले के निवासी साजन शर्मा और शिंदरपाल के बीच का हैं.
साजन शर्मा ने कहा की हमारी पहचान सोशल मीडिया पर हुई थी, हम अच्छे दोस्त बने और एक दूसरे का हालचाल जान लिया करते थे. इसके बाद एक दिन जब मैंने हनुमान जी की DP लगाई तो उनका यह ऑडियो क्लिप मुझे मिला. ऐसे में वह जो दावा कर रहें हैं की यह गालियाँ उन्होंने अपने दोस्त हनुमान को दी हैं न की भगवान् हनुमान को यह बिलकुल झूठ हैं. ऑडियो क्लिप मेरे द्वारा हनुमान जी की DP अपलोड करने के बाद सीधा मुझे भेजा गया था और मेरा नाम तो हनुमान नहीं हैं.