उत्तर प्रदेश स्थित एटा के एक गाँव की ग्राम प्रधान महिला बानो बेग़म के बारे में जब सचाई पता चली तो प्रशासन भी हैरान हो गया. बताया जा रहा है की आज से लगभग 35 साल पहले यह पाकिस्तान से भारत अपने रिश्तेदारों की शादी में शरीक होने के लिए आई थी. उसके बाद इनको भारत के अख्तर अली के साथ प्रेम हो गया और दोनों ने निकाह कर लिया.
बताया जा रहा है की यह महिला 35 साल से अपने दीर्घकालिक वीज़ा की अवधि बढ़वा रहीं हैं. बानो बेग़म को अभी भारतीय नागरिकता नहीं मिली थी, इसके बावजूद उन्होंने 2015 ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ा और प्रधान भी बनी. यह पूरी घटना एटा स्थित जलेसर तहसील के गुदऊ गाँव की हैं.
2019 में जब पूर्व ग्राम प्रधान शहनाज़ बेगम का निधन हुआ तो गाँव की पंचायत ने बानो बेगम को अपना प्रधान घोषित कर दिया. इससे नाराज़ होकर गाँव के ही एक निवासी कुवैदान खान ने 10 दिसंबर 2019 को डिस्ट्रिक्ट पंचायत राज ऑफिसर (डीपीआरओ) आलोक प्रियदर्शी को पूरी घटना की जानकारी दी.
बानो बेग़म 35 साल से भारत में हैं, उन्होंने भारतीय से शादी की हैं लेकिन उनके पास भारतीय नागरिकता नहीं हैं. वो आज भी पाकिस्तान के पासपोर्ट पर वीज़ा बढ़वा रही हैं, ऐसे में उनका वोटर कार्ड और आधार कार्ड कैसे बना प्रशासन और गाँव वाले दोनों ही हैरान हैं. खबर गाँव में फैलते ही बेगम बानो को अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा.
पुलिस और प्रशासन अब नकटी वोटर कार्ड और आधार बनाने के जुर्म में मामला दर्ज़ कर चूका हैं. साथ ही बेगम बानो के नाम का सुझाव ग्राम प्रधान के लिए देने वाले ग्राम पंचायत सचिव ध्यान सिंह पर भी कानूनी सिकंजा कसा जा सकता हैं. कानूनी रूप स बेगम बानो को पहले अपने विवाहित होने का सबूत कोर्ट में दिखाकर भारतीय नागरिकता के लिए अप्लाई करना चाहिए था. इसके बाद ही वह अपना वोटर और आधार कार्ड बनवा सकती थी.