देश में एक तरफ किसान आंदोलन अपने चर्म पर है, वहीं दूसरी तरफ नए कोरोना की वजह से देश और दुनिया के डॉक्टर्स चिंतित हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमित उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की भी हालत नाज़ुक हो चुकी हैं. बताया जा रहा है की उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करवा दिया गया हैं, डॉक्टर ने फेंफड़ों में इन्फेक्शन भी पाया हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो 18 दिसंबर को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. तब से ही वह अपनी बेटी और बीवी के साथ घर में आइसोलेशन में थे. परन्तु रविवार को उन्हें बुखार होने की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया, जहां उनके फेंफड़ों में इन्फेक्शन पाया गया गया हैं.
अपनी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह जी ने खुद ट्वीट करते हुए लिखा था की, “आज मैंने कोरोना टेस्ट कराया था. रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. मेरी तबीयत ठीक है. कोई लक्षण भी नहीं हैं. डॉक्टरों की सलाह पर मैं होम आइसोलेशन में रहूंगा. मेरा सभी से अनुरोध है कि जो भी लोग गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आए हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर जांच करवाएं.”
अब क्योंकि उनकी तबियत लगातार बिगड़ रही थी, इसलिए उन्हें दिल्ली एम्स के लिए रेफर किया गया हैं. त्रिवेंद्र सिंह जी की बेटी और पत्नी भी उनके साथ दिल्ली एम्स में गयी हैं. इससे पहले उन्हें रविवार देर शाम उन्हें राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
मुख्यमंत्री के फिजीशियन डॉ. एन एस बिष्ट ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया की, “उनके स्वास्थ में अभी सुधार है. लेकिन उन्हें दिल्ली एम्स में चिकित्सीय परामर्श की सलाह दी गई है. वहां उनकी कुछ जांचे होनी है.” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की बात करें तो ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना रिकवरी रेट 90 फीसदी से अधिक हो चूका है और फिलहाल देश में 2.77 फीसदी ही एक्टिव केस बचे हैं.
आज मैंने कोरोना टेस्ट करवाया था और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेरी तबीयत ठीक है और symptoms भी नहीं हैं।अतः डॉक्टर्स की सलाह पर मैं होम आइसोलेशन में रहूँगा। मेरा सभी से अनुरोध है, कि जो भी लोग गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आयें हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर अपनी जाँच करवाएं।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) December 18, 2020
गौरतलब है की बिना वैक्सीन के ही भारत में कोरोना के होने के बाद ठीक होने वालों का आंकड़ा 97 लाख 40 हजार के भी पार पहुँच चूका हैं. लेकिन दिक्कत यह है की कोरोना का एक नया रूप सामने आया है, जिसे म्युटेंट कोरोना कहा जा रहा हैं. ऐसे में जब पछले कोरोना की ही वैक्सीन ट्रायल बेस में चल रही हो, नया कोरोना डॉक्टर्स के लिए किसी सरदर्दी से कम नहीं.