उत्तर प्रदेश में सभी हथकंडे अपनाने के बाद भी जब विफलता हाथ लगी तो कांग्रेस ने ‘गौरक्षा’ के नारे के साथ योगी आदित्यनाथ को चुनाव में चुनौती देने का प्लान बना रही हैं. बताया जा रहा है की उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र (ललितपुर से चित्रकूट) से ‘गाय बचाओ, किसान बचाओ’ की पैदल यात्रा शुरू करने जा रही हैं.
इस यात्रा की अगुवाई उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप आदित्य जैन करेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो कांग्रेस हाई-कमान यानी कांग्रेस के बड़े नेता या फिर गाँधी परिवार के नेता सेकुलरिज्म के चलते इस मार्च का हिस्सा नहीं बनेंगे.
गाय बचाओ का नारा कांग्रेस इतिहास में पुराना रहा हैं, इंदिरा गाँधी के समय पर कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिन्ह ही ‘गाय और बछड़ा’ हुआ करता था. 60 के दशक में नेहरू जी के देहांत के बाद जब मांग उठी की गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया जाये उस समय कांग्रेस ने ऐसे नारे बनाये की अगर आप ‘गाय और बछड़े’ को वोट देंगे तभी यह संभव होगा.
हालाँकि चुनाव जीतने के बाद इंदिरा गाँधी ऐसा कोई बिल नहीं लेकर आई, फिर भारतीय संतों ने संसद का घेराव करना चाहा तो उनपर ताबड़तोड़ गोलियां चलवा दी गयी. उसके बाद गौ रक्षकों का गुस्सा आसमान पर चढ़ गया और इंदिरा गाँधी ने बयान दिया वह गौ रक्षकों की मांगों के सामने झुकने नहीं वाली.
फिर वही हुआ जो हर बार राजनीती में होता हैं, कांग्रेस ने एक कमेटी का गठन किया. जिसके बाद आज देश भर के लोग गवाह हैं की, गौ हत्या आज भी देश के कई राज्यों में हो रही हैं. यहां तक की कर्णाटक में बीजेपी ने गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाया हैं और कांग्रेस इसका विरोध कर रही हैं, गोवा और मणिपुर में बीजेपी गौ मांस की कमी को लेकर चिंतित हैं कांग्रेस भी इन राज्यों में सेकुलरिज्म के चलते कुछ नहीं बोल रही, वहीं फिर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस गौ रक्षा को लेकर पद यात्रा निकाल रही हैं.