तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव भी नितीश कुमार के तर्ज़ पर अपनी पार्टी के अस्तित्व को बचाने के लिए NDA के साथ आ सकते हैं. क्योंकि विपक्ष जहां किसान आंदोलन के बीच देश की नई संसद के निर्माण से जुड़े सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को गैर जरूरी बता रहा हैं.
वामपंथी पत्रकार इस प्रोजेक्ट को पर्यावरण विरोधी बता रहें हैं, वहीं चंद्रशेखर राव ने विपक्षी दल और वामपंथी पत्रकारों को झटका देते हुए मोदी जी द्वारा लाये गए इस प्रोजेक्ट की पत्र लिखकर सराहना की हैं. ऐसे में राजनितिक पंडित बीजेपी की तेलंगाना में पकड़ मजबूत होने को लेकर यह कयास लगा रहें हैं की, चंद्रशेखर राव, नितीश कुमार के तर्ज़ पर NDA में शामिल हो सकते हैं.
राजाओं के जमाने में एक कहावत हुआ करती थी की अगर आप दूसरे राजा पर विजय हासिल नहीं कर सकते तो आप उसे अपना मित्र बना लीजिये. यही कहावत आज के लोकतंत्र में भी साबित होती हुई दिख रही हैं, जहां पहले NDA से अलग होकर नितीश कुमार ने चुनाव लड़ा लेकिन बीजेपी की बिहार में बढ़ती हुई लोकप्रियता के चलते उन्होंने वापिस NDA में आने का फैसला किया जो की 2020 विधानसभा चुनाव में कहीं न कहीं सही भी साबित हुआ.
उसी प्रकार हैदराबाद में जिस प्रकार से बीजेपी ने ओवैसी के गढ़ में घुसकर इतनी सीटों पर जीत दर्ज़ की हैं, उससे साफ़ है की बिहार की तरह तेलंगाना में भी बीजेपी की लोकप्रियता बढ़ रही हैं. ऐसे में चंद्रशेखर राव अपने पत्र में लिखते हैं की, “मैं सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के शिलान्यास कार्यक्रम में गर्व के साथ खुद को आपसे जोड़ता हूं। ये परियोजना लंबे समय से जारी थी, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी स्थित मौजूदा बुनियादी ढांचा अपर्याप्त है और साथ ही हमारे औपनिवेशिक अतीत से जुड़ा है.”
उन्होंने इसको लेकर आगे लिखा की, “नया सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पुनरुत्थान, आत्मविश्वास और शक्तिशाली भारत के आत्मसम्मान, प्रतिष्ठा और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक होगा. मैं इस महत्वपूर्ण परियोजना के शीघ्र पूरा होने की कामना करता हूं.” चंद्रशेखर राव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घोर विरोधियों में से एक हैं, ऐसे में उनका यह पत्र आने वाले चुनावों में नए समीकरणों की ओर इशारा करता हैं.