जैसा की आप सब जानते होंगे पुरे विश्व की सरकारें अपने यहां महामारी रोकने का प्रयास कर रही हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं है और महाराष्ट्र भारत का वह राज्य है जहाँ कोरोना मरीज़ो की संख्या सबसे अधिक हैं, इसके बावजूद महाराष्ट्र का महाविकास आघाड़ी गठबंधन राज्य के विकास जारी रखने और नागरिकों को स्वस्थ रखने के प्रयास करने की बजाये अपने खिलाफ बोलने वाले लोगों और चैनल्स के खिलाफ कार्यवाही कर रहा हैं.
ऐसे में रिपब्लिक चैनल के मालिक अर्नब गोस्वामी को लेकर जो नै चार्जशीट दाखिल की गयी हैं उसमें रायगढ़ पुलिस ने लिखा है की, “अनवय नाइक ने अपनी कंपनी में साझीदार माँ कुमुद नाइक को आत्महत्या से पहले उनके फार्म-हाउस पर बुलाया था जिसके बाद अनवय ने उनको गला दबाकर मार डाला.”
ध्यान रहे की पुलिस पहले दावा कर रही थी की अनवय नाइक और उसकी माँ दोनों ने आत्महत्या की हैं. लेकिन क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए था और वहां भी इस बात का जिक्र हुआ था की आखिर व्यक्ति अपनी माँ के साथ आत्महत्या क्यों करेगा. पुलिस ने मामले की जांच सही से की होती तो पता चलता अनवय नाइक अपनी माँ का कातिल हैं.
पुलिस ने अपना तर्क देते हुए चार्जशीट में लिखा है की अनवय नाइक को डर था की उनकी मौत के बाद उनकी माँ को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. लेकिन पुलिस इस तर्क का आधार देने से चूक गयी, क्योंकि अनवय नाइक की बेटी और पत्नी दोनों जिन्दा थी ऐसे में उनकी माँ सहारा वह बन सकती थी या नहीं?
क्या अनवय नाइक को अपनी बेटी और पत्नी पर भरोसा नहीं था की वो उसकी माँ को संभाल लेगी? या फिर उसे यह ख्याल नहीं आया की माँ की तरह उसकी बेटी और पत्नी को भी मुसीबत का सामना करना पड़ेगा? ऐसे मामलों में या तो व्यक्ति अकेला आत्महत्या करता है या पुरे परिवार के साथ, लेकिन अनवय नाइक के मामले में पुलिस अपनी सुविधा के अनुसार कड़ी से कड़ी को जोड़ रही हैं ताकि अंत में अर्नब गोस्वामी को आरोपी साबित किया जा सके.