राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने एक बार फिर से बीजेपी पर निशाना साधते हुए बयान दिया हैं की बीजेपी राजस्थान के विधायकों को खरीदने में लगी हुई हैं. अशोक गहलोत का कहना है की पार्टी के नेताओं में विरोधी लहर पैदा हो रही हैं, जिससे साफ़ है की सरकार पर ख़तरा मंडरा रहा हैं.
उधर बीजेपी ने अशोक गहलोत के सभी दावों को खारिज करते हुए कहा है की, राजस्थान की बात करें की इस साल जुलाई में तत्कालीन उप मुख्यमंत्री और तब के राजस्थान कांग्रेस इकाई के प्रमुख सचिन पायलट के साथ मध्य प्रदेश के तर्ज़ पर कुछ नेता विद्रोह करने लगे थे. तभी कयास लगाए जा रहे थे की राजस्थान को बीजेपी मध्यप्रदेश के तर्ज़ पर हथ्या सकती हैं.
कांग्रेस के नेर्तत्व की बात करें तो अहमद पटेल के निधन के बाद पार्टी अशोक गहलोत को उनकी जिम्मेदारियां देना चाहती हैं. ऐसे में कांग्रेस अशोक गहलोत को दिल्ली में बुलाकर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री पद दे सकती हैं. लेकिन यह इतना आसान भी नहीं होगा क्योंकि अशोक गहलोत के खेमे में ज्यादा विधायक मजूद हैं.
ऐसे में उन विधायकों के साथ सचिन पायलट के खेमे में मजूद विधायकों की सहमति ले पाना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता हैं. राजस्थान के साथ-साथ महाराष्ट्र में भी सरकार पर खतरा बना हुआ हैं, एक तरफ जहां शरद पवार कांग्रेस के नेर्तत्व पर सवाल उठा रहें हैं, वही कांग्रेस सरकार गिराने की धमकी दे रही हैं. संजय राउत की महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ होने वाली गुप्त मीटिंग भी मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई हैं.
फिलहाल शिवसेना के नेर्तत्व में महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार ने अपना 1 साल पूरा कर लिया हैं. महाराष्ट्र में शिवसेना का दावा है की वह पांच साल सरकार चलाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे की बीजेपी आने वाले लगभग 25 सालों तक सत्ता में न आ सके. लेकिन यहां दिक्कत एनसीपी या शिवसेना के विधायकों की नहीं बल्कि कांग्रेस के विधायकों की है जिसके चलते बीजेपी पहले कर्णाटक और फिर मध्यप्रदेश में सत्ता हासिल कर चुकी हैं और राजस्थान में विद्रोह की नींव डाल चुकी हैं.