युवराज सिंह ने 2011 वर्ल्ड कप में अपनी शानदारी परफॉरमेंस देकर जो नाम कमाया था, वह उनके बाप ने पहले महेंद्र सिंह धोनी के खिलाफ बयान देते हुए और अब हिन्दुवों की माँ बेटियों के खिलाफ बयान देते हुए मिट्टी में मिला दिया. पंजाब के किसानों का मुद्दा राजनीती पकड़ चूका हैं और यह आगे क्या मोड़ लेगा इसका अनुमान लगाना अभी मुश्किल हैं.
मुद्दा भले ही किसानों का हो लेकिन इसमें कनाडा के प्रधानमंत्री और खालिस्तानी समर्थक भुनाने में लगे हुए हैं. ऐसे में टुकड़े-टुकड़े गैंग, बोलने की आज़ादी गैंग, मानवाधिकार आयोग, तरह तरह के NGO और वामपंथी पत्रकार इस आंदोलन में पूरी तरह से एक्टिव हैं. फिलहाल अवार्ड वापसी गैंग भी दुबारा एक्टिव हो चुकी हैं और पंजाब से एक के बाद एक अवार्ड वापिस हो रहें हैं.
ऐसे में योगराज सिंह ने प्रदर्शन कर रही भीड़ को सम्बोधित करते हुए बेहद शर्मनाक बयान देते हुए कहा की, “जब इनकी औरतों को अहमद शाह दुर्रानी ले जाता और वहाँ टके-टके की बिकती थी, तो पंजाबियों ने बचाया.” उन्होंने कहा की पंजाब, कंधार और कश्मीर से लेकर दिल्ली तक फैला हुआ था. आज हमारे पास कितना पंजाब बचा हैं.
उन्होंने इंदिरा गाँधी की मौत को भी सही ठहराते हुए कहा की, जो जैसा बोयेगा वैसा ही पायेगा. उन्होंने कहा की मुझे पता चला है की अमित शाह और मोदी ने अपने सुरक्षा कर्मियों से सभी सिख जवानों को हटा दिया हैं. योगराज सिंह ने कहा की आप अम्बानी या फिर अडानी को कभी पंजाब लेकर आओ तब हम आपको बताएंगे.
अब कुछ पत्रकार भले ही इसे महज़ एक बयानबाज़ी कह दें. लेकिन सच तो यह है की देश में लोकतंत्रिक तरीके चुने हुए प्रधानमंत्री और देश के सबसे बड़े उद्योगपति जिनकी वजह से देश के लाखो परिवारों का घर चलता हैं. योगराज सिंह सीधे तौर पर उन्हें धमकी दे रहें हैं की आप पंजाब आकर दिखाए.
यह आंदोलन पहले भले ही शांतिमय था लेकिन नेताओं की बयानबाज़ी इस आंदोलन को हिंसक रूप देना चाहती हैं. जिसके बाद यह अपनी खालिस्तान की मांग को सही ठहरा सके. यही वजह है की योगराज सिंह ने भारतीय सरकार पर मुग़ल बादशाहों बाबर, औरंगजेब और अंग्रेजों से भी ज्यादा क्रूरता और अत्याचार करने का भी आरोप लगाया और कहा की हमें अब अपने बीच में से ‘एक और जरनैल सिंह भिंडरवाला’ को पैदा कर लेना चाहिए.