शिवसेना का दावा था की बीजेपी के साथ अगर शिवसेना का गठबंधन टूट गया तो 25 सालों तक बीजेपी को महाराष्ट्र में सीट नहीं मिलेगी. जबकि इसके उलट महाअघाड़ी (MahaAghari) सरकार के घटक दल कांग्रेस को जबरदस्त पटखनी देते हुए बीजेपी ने महाराष्ट्र में हुए उप-चुनाव में अपनी जीत का परचम लहरा दिया हैं.
हम बात कर रहें हैं धुले और नंदूबार स्थानीय निकाय उपचुनाव की जहाँ बीजेपी के प्रत्याशी अमरीश पटेल को 332 वोट हासिल हुए और कांग्रेस के अभिजीत पाटिल को मात्र 98 वोटों के साथ ही संतोष करना पड़ा. नतीजा बीजेपी का प्रत्याशी भारी बहुमत के साथ यह चुनाव जीता गया. धूले-नंदूबार में कुल 437 मतदाता हैं और इनमे से 434 मतदाताओं ने चुनाव में अपना बहुकीमती वोट डाला.
आपको बता दें की बीजेपी के बड़े नेता एकनाथ खड़से द्वारा बीजेपी छोड़कर एनसीपी में शामिल होने के बाद यह पहला चुनाव था. यह चुनाव बीजेपी के लिए इसलिए भी जरूरी था. चुनाव सीधे प्रधानमंत्री पद के लिए नहीं लड़े जाते, जब तक आप छोटे छोटे चुनावों में भी जीत हासिल न कर सके. तब तक आप यह उम्मीद भी कैसे कर सकते हैं की आप सीधा बड़े चुनाव जीत जायेंगे.
बीजेपी वह पार्टी है जिसके एक वक़्त में पुरे देश में मात्र दो विधायक ही लोकसभा का चुनाव जीत सके थे. इसपर राजीव गाँधी ने मजाक में ‘हम दो, हमारे दो’ का नारा दिया था. इसके बाद बीजेपी ने बिलकुल जमीन से जुड़कर काम करना शुरू किया और 2-3 दशकों के अंदर ही देश में इंदिरा गाँधी के बाद अब जाकर एक स्थाई और मजबूत सरकार बनी हैं.
वहीं बात करें कांग्रेस की तो वह छोटे चुनावों की बात बात छोड़िये, जिन राज्यों में उन्हें लगता है की वह चुनाव नहीं जीत सकते उन राज्यों में वह स्थानीय मुद्दे तक नहीं उठाते. खाना पूर्ति करते हुए अपने प्रत्याशी उतार देते हैं और चुनावों में हार मिलने के बाद सारा दोष ईवीएम में फोड़ देते हैं. वहीं बीजेपी छोटे से छोटे चुनाव में भी अपने प्रत्याशी के लिए पार्टी के स्तर प्रचारकों को भेज देती हैं और चुनाव जीत हासिल कर अपने कार्यकर्ताओं का हौंसला बुलंद करती हैं.