धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्वीकार्यता का दायरा भारत में बहुत बड़ा हैं और इसीलिए देश दुनिया के तमाम लोग इसमें अपनी अटूट आस्था भी दिखाते हैं. यही कारण है की, फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन अपनी पत्नी के साथ उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में पूजा पाठ करने के लिए पहुंचे थे.
फ्रांस जो एक वक़्त में मुस्लिम शरणार्थियों का सबसे बड़ा सहयोगी देश था, आज वह आतंकवाद की चपेट में हैं. जिस वजह से फ्रांस के लोग अब समझ चुके हैं की आखिर क्यों भारत और अमेरिका जैसे देश मुस्लिम आतंकवाद के प्रति पूरी दुनिया के देशों को आगाह करते रहते हैं.
फ्रांस के राजदूत ने ऐलान करते हुए कहा की हम फ्रांस की सरकार की तरफ से ‘महाकाल मंदिर विकास योजना’ के आधार पर मंदिर को 80 करोड़ रूपए की धनराशि उपलब्ध करवाएंगे. आपको बता दें की 7 नवंबर 2020 को फ्रांस के राजदूत निजी दौरे पर मध्य प्रदेश दौरे पर आये हुए थे.
इंदौर में ठहरने के दौरान उन्होंने अपनी पत्नी के साथ महाकाल मंदिर में जाने का निर्णय किया था. आपको बता दें की दर्शन करने के बाद मंदिर समिति ने फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन और उनकी पत्नी को महाकाल के चित्र भी भेंट किया हैं. महाकाल मंदिर के दर्शन करने के उपरान्त वह रामघाट गए और अंत में इंदौर रोड स्थित प्राचीन शनि मंदिर के दर्शन करने के बाद वापिस इंदौर के लिए चले गए.
बताया जा रहा है की सावधानी और सुरक्षा के दृष्टिकोण के चलते इस दौरे की जानकारी पहले से ही पुलिस और प्रशासन को दे दी गयी थी. सफर के दौरान उन्होंने शिप्रा नदी के तट पर विश्राम भी किया था. उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने मीडिया को बातचीत के दौरान बताया की, “मंदिर विकास योजना का दूसरा चरण बहुत जल्द शुरू होने वाला है. इस संबंध में सिंहस्थ मेला कार्यालय में अधिकारियों के साथ परियोजना की समीक्षा की गई है.”
बताया जा रहा है वक़्त के साथ श्रद्धालुओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई हैं और इसलिए फ्रांस से मिली 80 करोड़ की राशि की मदद से मंदिर परिसर को 10-12 गुना अधिक विस्तृत करने की योजना पर काम शुरू किया जायेगा. इस पूरी परियोजना में भूमि अधिग्रहण, मंदिर क्षेत्र के आस-पास 500 मीटर में चौड़ी और पक्की सड़क, ब्रिज निर्माण, नज़दीक रहने वालों की अन्य क्षेत्र में रहने की व्यवस्था और मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत व्यवस्थाएँ भी शामिल हैं.