दिल्ली-हरियाणा सीमा सिंधु बॉर्डर पर पंजाब के किसान उस बिल का विरोध कर रहें हैं, जो बिल पंजाब में लागू ही नहीं हुआ. यहां तक की खुद नेताओं को भी इस बिल के बारे कुछ पता हो ऐसा नज़र नहीं आ रहा. 1 दिसंबर को हुई मीटिंग में जब सरकार किसान नेताओं को पूछ रही थी की, आपको इस बिल में क्या किसान विरोधी लगता हैं तो वह बता नहीं पा रहे थे.
उनकी बस एक ही डिमांड थी की सरकार इन तीनो बिलों को वापिस ले ले. ऐसे में अब पंजाब के ही एक कांग्रेस विधायक ने अजीबो करीब बयान देते हुए कहा है की, अगर केंद्र सरकार इन तीनों बिलो को वापिस नहीं लेती तो भविष्य में गूगल और वत्स ऐप जैसी कंपनियां देश के किसानों से सारा अनाज खरीद कर अपने कोल्ड स्टोर में रख लिया करेंगी.
उन्होंने NDTV के साथ दिए अपने इंटरव्यू में कहा की, “देश के 80 प्रतिशत से अधिक लोगों का आंदोलन”. कांग्रेस के इस सांसद का नाम रवनीत सिंह बिट्टू और यह लुधियाना से सांसद चुने गए थे. NDTV पर दिए अपने इंटरव्यू में इन्होने कई बार इस बात का जिक्र किया की, यह बिल किसान विरोधी हैं.
लेकिन न तो NDTV के पत्रकार ने पूछा की यह बिल किसान विरोधी कैसे है और न ही उन्होंने बताया की यह बिल किसान विरोधी कैसे हैं. कांग्रेस के सांसद ने NDTV को दिए अपने इंटरव्यू में देश के किसानों को भरपूर गुमराह करने का भी काम किया उन्होंने कहा की मोदी सरकार किसानों से उनकी जमीनें छीनने जा रही हैं.
जबकि बिल में ऐसा कोई प्रावधान हैं ही नहीं जो इस बात की और इशारा करता हो की किसानों की जमीने बड़े उद्योगपति छिन लेंगे. ऐसे में यह तो साफ़ है की कांग्रेस के विधायकों को खुद भी इस बिल के प्रावधानों के बारे में नहीं पता या फिर वह देश भर में किसानों के नाम पर अमेरिका जैसे दंगे भड़काने का प्रयास कर रहें हैं. जिससे देश अंदर से अस्थिर हो जाये और 2024 में नतीजा वही आये जो अमेरिका में इस बार आया हैं, यानी सत्ता परिवर्तन.