मानवों की अंग तस्करी को लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो कॉलेजों पर गंभीर आरोप लगे हैं. इलाज के दौरान मानव अंगों को निकाल कर उनकी तस्करी करना या फिर इलाज़ के दौरान मरने वाले लोगों के अंग निकालकर उनकी तस्करी करने के आरोपों के चलते योगी सरकार ने इन दोनों कॉलेजों पर जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.
बताया जा रहा है की इन कॉलेजों के नाम एरा मेडिकल कॉलेज (ERA’s Lucknow Medical College & Hospital) और इंटिग्रल मेडिकल इंस्टिट्यूट (INTEGRAL INSTITUTE OF MEDICAL SCIENCES & RESEARCH) हैं. इस साल सितंबर में यह मामला खुला था जब कोरोना संक्रमित युवक आदर्श पांडे की मौत एरा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान हुई.
आदर्श पांडे की बहनों का कहना था की, “11 सितंबर को कोरोना संक्रमण के कारण उन्हें इंटिग्रल मेडिकल इंस्टिट्यूट में भर्ती कराया गया था. लेकिन आदर्श हमसे बातचीत में बताए थे कि उन्हें दवा खाने के बाद नशा सा छा जाता है, मेडिकल स्टाफ बदसलूकी करता है.”
बहनों ने बताया की उन्होंने 22 सितंबर को जिले के तमाम अधिकारियों से शिकायत की और उसी रात आदर्श पांडे को एरा मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया था. इसके बाद उन्होंने कहा की एरा मेडिकल कॉलेज को इंटिग्रल मेडिकल इंस्टिट्यूट वालों ने कांटेक्ट किया जिस वजह से एक साजिश के तहत 23 सितंबर से लेकर 26 सितंबर तक आदर्श का कांटेक्ट उनके घर वालों से नहीं करवाया गया.
बहनों का कहना है की 26 सितंबर को जब हमने एरा मेडिकल कॉलेज फ़ोन करके अपने भाई की तबियत के बारे में पूछा तो कॉलेज वालों ने कहा की आदर्श की हालत में सुधार हैं और उसके ठीक 15 मिनट बाद दुबारा फ़ोन आया की आदर्श की तबियत बहुत ज्यादा खराब हो चुकी हैं और जब तक परिवार के लोग कॉलेज जाने के लिए घर से बाहर निकलते कॉलेज वालों का दुबारा फ़ोन आया की आदर्श नहीं रहा.
आदर्श की बहनों का आरोप हैं की एरा मेडिकल कॉलेज (ERA’s Lucknow Medical College & Hospital) और इंटिग्रल मेडिकल इंस्टिट्यूट (INTEGRAL INSTITUTE OF MEDICAL SCIENCES & RESEARCH) दोनों की मिलीभगत ने ही उनके भाई की जान ली हैं.
आपको बता दें की इन दोनों कॉलेजों के डीन मुस्लिम हैं और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तो यहाँ चीफ गेस्ट भी रह चुके हैं. इंटिग्रल मेडिकल इंस्टिट्यूट के डीन का नाम, जफर इदरिस और एरा मेडिकल कॉलेज के डीन का नाम, डॉ फरीदी बताया जा रहा हैं.