भारत के राष्ट्रवादियों के बीच एक कहावत मशहूर हैं की आप मुस्लिमों को जाती के नाम पर अपना भाई बना लो लेकिन आप उनके लिए सिर्फ काफिर हो. इसी को एक बार फिर सत्य करते हुए मुस्लिमों ने दिखा दिया की आखिर उनके बारे में भारत के राष्ट्रवादी लोग ऐसा क्यों कहते हैं.
ताज़ा मामला बिहार के कटिहार जिले का हैं जो की मुस्लिम बहुत सीमांचल का एक इलावा हैं. इसमें छठ में व्रती महिलाओं के नहाने के बाद कपडे बदलते हुए कुछ मुस्लिम युवक वीडियो बनाते रहे. इसके बाद अचानक मुस्लिमों की भीड़ इक्क्ठा हुई और उन्होंने छठ पूजा में घाट पर आकर विघ्न डाल दिया.
घाट पर पड़ा सारा सामान तोड़ दिया, घाट में मल-मूत्र विसर्जित किया और पूजा की सारी व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया. गौरतब है की यह इलाका पहले दलित बहुल था, मुस्लिम आबादी कम थी और जब तक मुस्लिम कम थी तब तक जय मीम, जय भीम करते हुए सब ठीक चल रहा था.
जैसे ही यहां की मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक हुई छठ पूजा के दौरान किसी मुस्लिम ने किसी हिन्दू औरत से उसकी जाती पूछकर इस पूजा का विरोध नहीं किया बल्कि उन्होंने यह देखते हुए की यह हिन्दुवों का त्यौहार हैं, उन्होंने पूजा में विघ्न डाल दिया. इस घटना के बाद इलाके में स्थिति काफी तनावपूर्ण बताई जा रही हैं.
स्थानीय लोगों ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया की, “इस पूरे घटनाक्रम में गाँव के स्थानीय मौलाना के दामाद की सहभागिता थी, इसी कारण प्रशासन ने भी उन पर थाने के बाहर ही सुलह कर के मामले निपटाने के लिए कहा. इस क्षेत्र में मुस्लिम समाज के दबंगों द्वारा हिन्दुओं के खेतों की फसलें काट लेना आम बात है और ये इस तरह की पहली घटना नहीं है.”
मतलब साफ़ है की मुस्लिम बहुल होते ही इलाके में हिन्दुवों का इतना जीना हराम कर दो की वह इलाका छोड़ने पर मजबूर हो जाये और पहले मौहल्ला, फिर इलाका, फिर गाँव और फिर शहर मुस्लिम बहुल हो जाये और शहर के बाद एक बार राज्य मुस्लिम बहुल हो गया तो हिन्दुवों के साथ क्या होता है वह आप कश्मीर, बंगाल और केरल में देख ही सकते हैं.
opindia से मिल रही खबर यह है कि ग्रामीण विकास उराँव ने बताया है कि वह भी छठ घाट पर हुई इस हरकत के गवाह है साथ ही उन्होंने दावा भी किया है कि मुस्लिम समाज के कुछ तत्वों छठ पूजा कर रही महिलाओं का कपड़े बदलते हुए वीडियो बना रहे थे जिसके लिए मना करने पर यह बवाल शुरू हुआ!