इस वक़्त सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता 17 फीसदी की दर से दिया जा रहा हैं, जबकि मजूदा दर 21 फीसदी की हैं. जब से देश में महामारी का प्रकोप फैला है तब से ही केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता नहीं बढ़ाया गया. अब मोदी सरकार ने ऐलान कर दिया है की वह 2021 के जून में केंद्रीय कर्मचारियों के DA पर फैसला करेगी.
आपको बता दें की केंद्रीय सरकार साल में दो बार ही महंगाई भत्ते में बदलाव करती हैं. यह बदलाव कम या फिर ज्यादा दोनों हो सकते हैं. परन्तु महामारी के चलते इस साल इसमें बदलाव करना मुमकिन नहीं हो पा रहा. अब क्योंकि सरकार ने यह साफ़ कर दिया है की 2021 जून में महंगाई भत्ते में बदलाव किया जायेगा तो इससे कर्मचारियों और पेंशनरों दोनों को भरपूर फायदा मिलेगा.
आपको जानकार शायद हैरानी होगी की इस बदलाव का सीधा असर 50 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और 55 लाख ज्यादा केंद्रीय पेंशनरों पर पड़ रहा हैं. सरकार हर साल जनवरी और जून में महंगाई भत्ते पर पुनर्विचार करती हैं, 2020 में जनवरी में तो इसे पिछले साल जून के मुकाबले 4 फीसदी बढ़ाया गया था, लेकिन जून में इसकी कोई बैठक नहीं हो सकी.
हालाँकि सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के 30 लाख से ज्यादा नॉन गैजेटेड कर्मचारियों को दशहरे के मौके पर दिवाली बोनस बांटकर थोड़ी राहत जरूर दी हैं. लीव ट्रैवल अलाउंस (एटीएम) और लीव ट्रैवल कंसेशन (एलटीसी) पर भी कुछ एहम फैसले मोदी सरकार द्वारा किये गए हैं.
डिजिटल इंडिया की तरफ एक कदम और बढ़ाते हुए अब मोदी सरकार ने ऐलान किया है की पेंशनर्स अब ‘डिजीलॉकर’ में पेंशन पेमेंट ऑर्डर (पीपीओ) को जमा कर सकेंगे. इससे उनकी हार्ड कॉपी रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी, मोदी सरकार पिछले काफी समय से हार्ड कॉपी का काम काज हटाकर ऑनलाइन करने की योजना बना रही हैं. इसी क्रम में 2022 में नई संसद बनते ही संसद का सारा कामकाज 100 प्रतिशत डिजिटल करने का लक्ष्य हैं.