दिग्गज टीएमसी नेता शुभेंदु अधिकारी के बीजेपी में शामिल होने की ख़बरों के बाद यह दावा किया जा रहा हैं की TMC के पांच सांसदों समेत सौगत रॉय भी बीजेपी में चुनाव से ठीक पहले शामिल हो सकते हैं. अगले साल विधानसभा चुनाव शुरू होने से ठीक पहले भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह ने यह दावा किया हैं.
अर्जुन सिंह का कहना है की TMC के पांच सांसद BJP के संपर्क में हैं और कभी भी वह TMC से इस्तीफ़ा दे सकते हैं. इसके लिए अर्जुन सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस भी रखी थी और कहा था की, “मैं बार-बार कह रहा हूँ कि पाँच टीएमसी सांसद कभी भी इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो जाएँगे.”
एक मीडिया कर्मी ने अर्जुन से पूछा की इन 5 नामों में सौगत राय शामिल हैं या फिर वह अलग से BJP में शामिल होंगे. इस सवाल का जवाब देते हुए अर्जुन सिंह ने कहा की, “कैमरे के सामने सौगत राय टीएमसी नेता और ममता बनर्जी का मीडिएटर होने का ढोंग कर रहे हैं. लेकिन एक बार कैमरा घूमेगा, आप इस लिस्ट में उनका नाम भी शामिल कर सकेंगे.”
अभी कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री अमित शाह बंगाल के दौरे से वापिस लौटे हैं, ऐसे में बीजेपी नेता के इस बयान के अपने आप में कुछ मायने हो सकते हैं. सौगत राय तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक हैं, ऐसे में अगर वह बीजेपी में शामिल होते हैं तो विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी को इसका बड़ा फायदा मिल सकता हैं.
इसके बाद TMC के दूसरे बड़े नेता शुभेन्द्रू अधिकारी की बात करते हुए अर्जुन ने कहा की, “शुभेंदु अधिकारी एक बड़े जनाधार वाले नेता हैं. ममता बनर्जी आज बड़ी नेता हैं क्योंकि शुभेंदु अधिकारी और उनके जैसे कई नेताओं ने संघर्ष किया है. पार्टी के लिए अपना खून दिया है, लेकिन अब ममता बनर्जी उन सब का बलिदान भूल कर अपने भतीजे को कुर्सी पर बैठाना चाहती हैं. कोई भी बड़ा नेता यह स्वीकार नहीं कर सकता. जिस तरह से शुभेंदु अधिकारी जैसे नेताओं का अपमान किया गया है, उन्हें टीएमसी छोड़ देनी चाहिए.”
अब देखना यह होगा की TMC से टूटे हुए सांसद आखिर बीजेपी को विधानसभा चुनाव में कितना और कैसे फायदा पहुंचा पाते हैं. इस दल बदली की बात करें तो यह विधानसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान आम तौर पर देखि जाती हैं. कई बार ऐसे मौके भी आये जिसमें बीजेपी के नेता दल बदल कर दूसरी पार्टी में शामिल हो गए हों. राजनीती में दल बदलना आम बात हैं, लेकिन हैरानी तब होती हैं जब कोई बड़ा नेता अचानक से पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में चला जाता हैं.