निकिता तोमर मर्डर केस के बाद पुरे देश में लव जिहाद पर कानून बनाने की मांग तेज़ हो चुकी हैं. किसी जमाने में कट्टर हिन्दूवादी रही शिवसेना ने सेकुलरिज्म का चोला ओढ़ लिया हैं. यही कारण हैं की हिन्दुवों के लिए बड़ी बड़ी बातें करने वाले उद्धव के मंत्री असलम शेख ने खुलकर बयान देते हुए कहा है की, महाराष्ट्र में लव जिहाद का कानून नहीं बनेगा.
असलम शेख कांग्रेस नेता हैं और इस वक़्त वह महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद पर बैठे हुए हैं. असलम शेख ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है की, “जो सरकारें अपनी अक्षमता छिपाना चाहती हैं, वे सरकारें ऐसे कानून ला रही हैं. यहां ऐसे किसी कानून की जरूरत नहीं है.”
असलम शेख से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बयान देते हुए कहा था की, “लव जिहाद भाजपा द्वारा राष्ट्र को विभाजित करने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए निर्मित एक शब्द है. विवाह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है, इस पर अंकुश लगाने के लिए कानून लाना पूरी तरह से असंवैधानिक है यह कानून की किसी भी अदालत में टिक नहीं पायेगा. लव में जिहाद का कोई स्थान नहीं है.”
आपको बता दें यह कानून क्रिमिनल एक्ट के तहत लाया जायेगा. यानी जो मुस्लिम गैर मुस्लिम लड़की के साथ शादी करने के बाद लव जिहाद जैसा घिनौना अपराध करता हैं यह कानून उस दौरान लड़की के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा करेगा.
अगर कोई मुस्लिम व्यक्ति यह अपराध नहीं करेगा तो उसे इस कानून से डरने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी. लेकिन कांग्रेस पार्टी अभी से यह भ्रम लोगों में फैलाने में लगी हुई हैं की बीजेपी मुस्लिम और गैर मुस्लिमों की शादी न हो इसलिए यह कानून ला रही हैं.
कांग्रेस इससे पहले भी मोदी सरकार द्वारा लाये गए तीन तलाक़ बिल का भी विरोध कर चुकी थी. कांग्रेस का कहना था की अगर आपने तीन तलाक़ मुद्दे पर मुस्लिम युवक को जेल भेज दिया तो उसकी पत्नी और बच्चों का क्या होगा. जबकि सवाल यह बनता है की अगर यह कानून न बने और मुस्लिम युवक तीन तलाक़ दे देता तो उसके बाद उसकी पत्नी और बच्चों का क्या होता.