देश की राजधानी फिर एक बार महामारी की चपेट में आ चूकी हैं. दिल्ली का हेल्थ सिस्टम विज्ञापनों के इलावा धरातल पर कहीं नज़र नहीं आ रहा. दूसरे राज्यों में जहां हेल्थ सिस्टम को लेकर कभी अख़बारों में विज्ञापन नहीं दिए गए वहां भी दिल्ली से बेहतर हालात नज़र आ रहे हैं.
इसी वजह से अब देश का गृह मंत्रालय दिल्ली वासियों के लिए एक्शन में आ चूका हैं. बताया जा रहा है की दिवाली के अगले दिन 15 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच एक हाई लेवल मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में दोनों ने कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए तेजी से कदम उठाए जाने पर चर्चा की.
इसके बाद गृह मंत्रालय ने कुल 10 टीमों का गठन किया हैं, प्रत्येक टीम दिल्ली में छोटे बड़े सभी हस्पतालों का दौरा करेगी. वहां पर हालातों का जायजा लेगी, बेड की क्षमता और व्यवस्था देखेगी. इस सर्वे के बाद एक रिपोर्ट सीधी गृह मंत्रालय को दी जाएगी जिसके बाद जिस अस्पताल में जिस किसी सामान की कमी होगी, वहां उसकी व्यवस्था की जाएगी.
इसके इलावा अब 25 नवंबर को हाउस टू हाउस सर्वे भी शुरू हो सकता है जिसकी अब प्लानिंग अडवांस स्टेज तक पहुँच चुकी हुई हैं. गृह मंत्रालय के आदेश के बाद दिल्ली में 45 डॉक्टर और पैरामिलिट्री फोर्स के 160 पैरामेडिक्स दिल्ली बुला लिए गए हैं. फिलहाल यह सभी डीआरडीओ के कोविड-19 हॉस्पिटल और छतरपुर कोविड केयर सेंटर में तैनात है. जरूरत पड़ने पर और डॉक्टर्स की टीम को दिल्ली बुलाया जायेगा.
डीआरडीओ अगले 4-5 दिनों में 35 और BIPAP बेड एयरपोर्ट वाले कोविड सेंटर में लगाने की तैयारी कर चूका हैं. इसके इलावा डीआरडीओ 250 आईसीयू बेड्स को ऐड करने की भी योजना बना चूका हैं. शकूर बस्ती रेलवे स्टेशन बने रेलवे हॉस्पिटल में भारतीय रेलवे करीब 800 बेड वाले ट्रेन कोच बढ़ाने जा रही हैं.
महामारी में जान बचाने वाली सबसे एहम मशीन वेंटिलेटर की बात करें तो भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटिड भी बेंगलुरु से 250 वेंटिलेटर्स दिल्ली भेजने जा रही हैं. दिल्ली एयरपोर्ट के पास डीआरडीओ कोविड सेंटर को 35 BIPAP मशीन पहले से बढ़ा दी गयी हैं. इन सब तैयारियों के साथ ही ऐसा लग रहा है, दिल्ली में एक बार फिर कोरोना पर जल्द ही नियंत्रण पाया जा सकेगा.