जैसा की पहले ही इस बात का अनुमान लगाया जा रहा था की कांग्रेस बिहार चुनावों की वजह से गुपकार समझौते में अभी शामिल नहीं हो रही. अब क्योंकि बिहार में कांग्रेस को हार मिल चुकी है तो अब उन्होंने गुपकार समझौते में शामिल होने का ऐलान कर दिया हैं. यह गुपकार गैंग जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35A बहाल करवाना चाहती हैं.
इस गैंग में शामिल होने के बाद कांग्रेस ने भारतवासियों को साफ़ सन्देश दिया है की वह जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35A की बहाली चाहते हैं. इस गुपकार समझौते में यह बात भी साफ़ है की इस गैंग के सदस्य जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35A वापिस लाने के लिए चीन और पकिस्तान की भी सहायता ले सकते हैं.
देश भर में जहां एक तरफ कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा हैं, जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा होती हैं वहां पर ओवैसी की पार्टी के कैंडिडेट जीत जाते हैं. ऐसे वक़्त में जब कांग्रेस को राष्ट्रवाद के रास्ते पर चलने का प्रयास करना चाहिए था, वह ऐसे देश विरोधी समझौतों का हिस्सा बन रहा हैं.
इसके बाद अगर देशवासी गुस्से में कांग्रेस को वोट नहीं देते तो वह हार का जिम्मेदार EVM को ठहरा कर, शांत हो जाते हैं. इसी वजह से इस वक़्त कांग्रेस दो भागों में बट चुकी हैं, एक तरफ कपिल सिब्बल जैसे नेताओं का कहना है की पार्टी की आलाकमान को बहुत ही गहरे मंथन की जरुरत हैं. हमारी पार्टी को अब लोग एक विकल्प के तौर भी देखना पसंद नहीं करते.
वहीं दूसरी और गाँधी परिवार के कुछ वफादार नेता EVM पर हार की जिम्मेदारी डालकर ऐसे बयान देते हैं की अगले चुनावों में उनका और अधिक नुक्सान होता हैं. राज्य की स्थानीय पार्टियों की बात करें तो वह राज्य में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद कांग्रेस की वजह से सरकार बनाने से रह जाती हैं.
कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जिनके नेताओं को लगता है की लोग आज भी गाँधी परिवार के बच्चों को उनके पूर्वजों के नाम पर वोट दे देंगे. जबकि सच्चाई यह है की आज का भारत हिन्दू राष्ट्रवाद की तरफ झुककर BJP को वोट दे रहा है या फिर ओवैसी की कट्टर इस्लामिक पार्टी को और या फिर फ्री के लालच में केजरीवाल की पार्टी को वोट दे रहा हैं. कांग्रेस जैसी दोगली, देशद्रोही मामलो में लिप्त और सेना पर सवाल उठाने वाली अहंकारी पार्टी को अब देश के लोग वोट देकर सरकार में बैठाना नहीं चाहते.