400-450 साल के इतिहास में पहली बार भगवान् राम की जन्म भूमि पर दिवाली के दिन 11 हजार दीयों से रोशन हुआ. इसके इलावा सरयू के 24 घाट लगभग 6 लाख दीयों से जगमगा उठे. इस दीपोत्सव के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी अयोध्या में पहुंचे हुए थे.
इस बार का थीम त्रेतायुग पर रखा गया था, इस दौरान आपको त्रेतायुग जैसी भव्यता और उल्लास जीवंत होती हुई दिखाई दे रही थी. लंका को विजय करके अपने घर अयोध्या लौटे प्रभु श्री राम के आगमन की ख़ुशी में यह दीपोत्सव मनाया गया हैं. इस साल का दीपोत्सव इसलिए भी ख़ास बनता हैं क्योंकि, राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद यह पहली दीपावली हैं.
इस दीपोत्सव में राम की अनुपम झलक कार्यक्रम स्थलों, सरयू के घाटों से लेकर सड़कें-गलियां, मठ-मंदिरों समेत 16 प्रवेश द्वारों पर की गयी सजावट की शोभा को चार चाँद लगा रहें हैं. 2017 में दिवाली की एक रात पहले शुरू हुए इस दीपोत्सव के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान देते हुए कहा था की, “जल्द ही राममंदिर निर्माण की अनुपम बेला अयोध्या की भव्यता बढ़ाएगी.”
महामारी के चलते इस साल योगी आदित्यनाथ ने राज्य से बाहर के लोगों को यहाँ आने की इजाजत नहीं दी थी. लेकिन उन्होंने राम मंदिर में एक वर्चुअल दीपक जलाने की सुविधा जरूर प्रदान की हैं. यह कार्यकर्म तीन दिन का होता है और आपको बता दें की इस साल 40 मिनट के भीतर 5.51 लाख दीप जल जाएं और पांच मिनट जलते रहें इसका प्रबंध भी पूरा किया गया है, जिससे यह एक नया विश्व रिकॉर्ड बन सके.
पुरे सरयू को रोशन करने के लिए इलेक्ट्रिक कलश, दीप, झालर लाइटिंग का प्रबंध भी किया गया था. इस दीपोत्सव को देखने के बाद शायद ही भगवान् राम का कोई भक्त ऐसा होगा जो यह न सोचता होगा की काश इस वक़्त मैं सरयू में मजूद होता और इस भव्य नज़ारे को अपनी आँखों से देख पाता.