अर्नब गोस्वामी को भले ही एक केस में सुप्रीम कोर्ट में जमानत मिल गयी हो, लेकिन उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की मंशा को देखते हुए अपने दूसरे केस में भी अग्रिम जमानत की अर्जी कोर्ट को दे दी हैं. यह केस पुलिस महिला कर्मी के साथ हुई कथित तौर पर धक्का-मुक्की का हैं. हालाँकि ऐसे केसों में माफ़ी या फिर कुछ जुर्माना या फिर छह महीने की जेल हो सकती हैं.
जेल बहुत ही रेयर केस में होती हैं, लेकिन अर्नब गोस्वामी जानते हैं की महाराष्ट्र की सरकार और पुलिस ऐसे केस में माफ़ी और जुर्माना लगाने को छोड़कर केवल और केवल जेल भिजवाने के लिए प्लान तैयार करेगी. आपको बता दें की इस केस में केवल अर्नब गोस्वामी ही नहीं बल्कि उनकी पत्नी सम्याब्रता रे गोस्वामी का नाम भी शामिल हैं.
आपको बताना चाहेंगे की 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां को कथित रूप से आत्महत्या के मामले में जब 4 नवंबर को पुलिस अर्नब को गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास में पहुंची तो पुलिस द्वारा यह कथित आरोप लगाया गया की, अर्नब और उनकी पत्नी ने एक महिला पुलिस कर्मी के साथ धक्का-मुक्की की हैं.
मध्य मुंबई के एन. एम. जोशी मार्ग थाने में इस मामले को लेकर अर्नब और उनकी पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज़ किया गया हैं. अदालत में मजूद एक सूत्र ने अपना नाम न बताये जाने की शर्त पर मीडिया को बताया है की, “अर्नब गोस्वामी और उनकी पत्नी की अग्रिम जमानत की याचिका पर गुरुवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पी. बी. जाधव सुनवाई कर सकते हैं.”
आपको बता दें की अर्नब गोस्वामी और उनकी पत्नी पर मुंबई पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता की धाराओं 353 (सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालना), 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर किसी का अपमान करना) और 506 (आपराधिक रूप से डराना/धमकी देना) और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से जुड़े कानून के तहत FIR Register करवाई गयी हैं.