Gourav Bhatia on Rahul Gandhi: बराक ओबामा जो कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति है उन्होंने अपनी किताब ‘ए प्रामिस्द लैंड’ में लिखा है कि कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी में एक ऐसे ‘घबराये हुए और अनपढ़’ छात्र के गुण है जो अपने शिक्षक को प्रभावित करने की चाहत रखता है लेकिन उसमे ‘विषय में महारत भी हासिल कर राखी है और उनमे इसकी योग्यता और जूनून की कमी भी नहीं है। वही दूसरी तरफ बराक ओबामा के बयान पर भी अब बीजेपी नेताओ ने भी हां कर दी है गौरव भाटिया जो की बीजेपी के प्रवक्ता है रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क से बात की और ये बोला कि बराक ओबामा की बातो को लोग बहुत ज्यादा गंभीरता से लेते है उसके बाद गौरव भाटिया ने राहुल गाँधी को ‘पार्ट टाइम पॉलिटिशियन’ भी बता दिया है।
बीजेपी के जो नेता है गौरव भाटिया उन्होंने बोला, ‘कि बराक ओबामा उन नेताओ में से है जिनकी बातो को लोग बहुत ज्यादा गंभीर तरीके से लेते है और दूसरी तरफ राहुल गाँधी भी वो नेता है जिनकी बातो को भारत में गंभीर तरीके से नहीं लिया जाता और ये बात सही भी है ये बात आज के टाइम में सभी भारतीय जानते भी है और अब तो राहुल गाँधी को पार्ट टाइम पॉलिटिशियन भी बोला जाता है क्योकि इनको कम पता है इन चीजों के बारे में और ये गलत बाते है।
उसके बाद गौरव भाटिया ने फिर से राहुल गाँधी पर निशाना साधते हुए ये बोला कि ‘राफेल मामले को लेकर भी सबको याद ही होगा की उन्होंने कैसे पीएम के लिए अपशब्द बोले थे उसके बाद उन्होंने सर्वोच्च न्यायलय में माफ़ी भी मांगी थी। लेकिन अब सबसे बड़ी परेशानी ये है कि कांग्रेस के अंदर हर कोई ये बाते जानते है कि वो अनजाने में महिमामंडन करता है इसलिए अब ओबामा को ही कांग्रेस पर आत्मचिंतन करना चाहिए।’ न्यूयार्क टाइम्स में जो लेखक है उनके हिसाब से राहुल गाँधी के बारे में ओबामा का ये बोलना है कि ‘उनमे एक ऐसे घबराये हुए और अनपढ़’ छात्र के गुण है जिसने अब तक अपना पूरा पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और वो अपने शिक्षक को भी प्रभावित करने की ही चाहत भी रखते है लेकिन उन्होंने उसी में ‘ महारत भी हासिल की हुई है और उनमे इस चीज का जूनून भी बहुत ज्यादा है किसी चीज की कमी नहीं है।
इसी संस्मरण में ओबामा ने राहुल की माँ और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी का भी जिक्र किया है। उन्होंने बोला है, ‘कि चार्ली क्रिस्ट और रहम एमैनुएल जैसे पुरुषो के हैंडसम होने के बारे में भी बोला गया है लेकिन महिलाओ के इस सौंदर्य के बारे में कही भी नहीं है। इसमें सिर्फ एक या दो उदाहरण ही अपवाद है जैसे की सोनिया गाँधी।’