जब से OTT प्लेटफॉर्म्स आये हैं, तब से ही इनमें एंटरटेन के नाम पर अश्लीलता और गलियों की खिचड़ी बनाकर जनता के सामने परोसा जा रहा हैं. अश्लीलता भी ऐसी की गन्दी फिल्मों के अदाकार भी एक बार शर्मा जायें. ऐसे में पिछले काफी समय से लोगो की मांग थी की जिस प्रकार बॉलीवुड में फिल्मों के ऊपर सेंसर बोर्ड है. उसी प्रकार OTT प्लेटफॉर्म्स पर भी एक सेंसर बोर्ड होना चाहिए जो इस तरह के कंटेंट की एक सीमा तय कर सके.
OTT प्लेटफॉर्म्स एंटरटेन का एक नया माध्यम है तो इसलिए यह इन चीजों से बाहर था, लेकिन अब इसका यूजर बेस काफी बढ़ चूका है. ऐसे में सरकार ने निर्णय लिया है की अब OTT प्लेटफॉर्म्स को भी I&B मंत्रालय के अंतर्गत लाया जायेगा. उदाहरण के लिए बात करें तो ‘ऑल्ट बालाजी’ पर भी एक बी-ग्रेड शो ‘गन्दी बात’ जो की एकता कपूर द्वारा निर्मित वेब सीरीज थी, इस वेब सीरीज में अश्लीलता के इलावा किसी प्रकार की आपको स्टोरी नहीं मिलती.
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा की यह लोग पैसा कमाने के लिए डिजिटल कंटेंट के नाम पर केवल और केवल सॉफ्ट एडल्ट फिल्मों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रहे थे. ऐसे में कुछ ऐसी सीरीज भी आई जिनका धार्मिक तौर पर विवाद हुआ लेकिन कोई कानून न होने के चलते कोई कार्यवाही नहीं हुई, जैसे की ‘पाताल लोक’ और ‘लीला’ से लेकर ‘आश्रम’ आदि.
OTT प्लेटफॉर्म्स के इलावा अब वह न्यूज़ पोर्टल प्लेटफॉर्म्स भी सुचना और प्रसार मंत्रालय के अंतर्गत आएंगी जो मुख्यधारा की न्यूज़ एजेंसी के साथ नहीं जुडी हैं. जैसे की आप हमारी वेबसाइट पर न्यूज़ पढ़ रहें हैं, लेकिन यह किसी बड़े ब्रांड आज तक या फिर ज़ी न्यूज़ आदि का हिस्सा नहीं हैं. ऐसे में यह भी सुचना और प्रसार मंत्रालय के अंतर्गत आएगी.
जिससे अगर कोई इंसान फेक न्यूज़ पोर्टल का प्लेटफॉर्म्स चलाने या फिर किसी फेक नरेटिव को जनता के बीच सेट करने का प्रयास करता हैं तो उस पर भी वही कार्यवाही होगी जो ज़ी न्यूज़ या फिर इण्डिया टुडे जैसे बड़े ब्रांड्स के साथ होगी. हालाँकि ज़ी न्यूज़ या फिर इण्डिया टुडे जैसे बड़े ब्रांड्स के पास अच्छे वकीलों की कमी नहीं होगी, जो की उन न्यूज़ पोर्टल के मालिकों के पास होगी जो इस तरह से वेबसाइट चलाते हैं.