आपको शायद पता न हो लेकिन कल बीजेपी बिहार ही नहीं मध्यप्रदेश भी जीती हैं. 28 सीटों पर लड़े जा रहे उपचुनाव अगर बीजेपी हार जाती तो मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार गिर जाती और एक बार फिर आपको कमलनाथ मुख्यमंत्री बनते हुए देखने को मिलते.
मार्च में सिंधिया ने अपने 22 कांग्रेस के विधायकों के साथ पार्टी से इस्तीफ़ा देते हुए बीजेपी में शामिल हो गए थे. जिस वजह से कमलनाथ की सरकार गिर गयी और बीजेपी की सरकार बन गयी. बीजेपी ने ज्योतिरादित्य को राज्यसभा का टिकट देकर सम्मानित किया. जबकि कांग्रेस ने पहले उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया फिर कमलनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया और जब राज्यसभा जाने की बात आई तो कांग्रेस को दिग्विजय सिंह याद आ गए.
कल दुपहर तक बीजेपी 28 में से 20 सीटों पर अपनी पकड़ बनाये हुई थी, 7 पर कांग्रेस और 1 पर बहुजन समाजवादी पार्टी की पकड़ थी. इसी बीच ज्योतिरादित्य ने अपने विधायकों को गुरु मंत्र भी दिया, उन्होंने ट्वीट करते हुए विधायकों से कहा की, “मुझे उम्मीद है कि विजेता उम्मीदवार जनता की सेवा के लिए उत्सुक बने रहेंगे.”
चुनाव आयोग द्वारा जारी वोटों की गिनती के बीच मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से जब मीडिया ने इस बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा की, “पूरी तरह नतीजे आ जाने दीजिए. हम जनादेश का सम्मान करेंगे और मतदाताओं को धन्यवाद करेंगे.” हालाँकि ऐसा सिर्फ कहने की बात थी चुनाव हारते ही कांग्रेस नेता EVM और चुनाव आयोग को दोष देने लगे थे.
आंकड़ों की बात करें तो अगर कांग्रेस को मध्यप्रदेश में अपनी सरकार बनानी थी तो उसे 28 सीटों में से पूरी 28 सीटों पर जीत दर्ज़ करनी थी. वहीं बात करें बीजेपी की तो उसे सरकार बनाये रखने के लिए 28 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज़ करनी थी. ऐसे में कांग्रेस पहले से जानती थी यह मुमकिन नहीं होगा और वह बस किसी चमत्कार की ही उम्मीद कर सकती थी.