मुंबई पुलिस लगभग 2 साल पहले बंद हो चुके केस को बिना कोर्ट की इजाजत और बिना नए सबूत या तथ्य पेश किये केस को दुबारा खोलते हुए अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा और उन्हें मुंबई की पुलिस ने क्वारंटाइन सेंटर में डाल दिया. अब क्वारंटाइन सेंटर से अर्नब गोस्वामी को तलोजा जेल में शिफ्ट कर दिया गया हैं.
अर्नब गोस्वामी के वकील हरीश साल्वे कोर्ट में लगातार कानून और नियमों का हवाल देते हुए कोर्ट में अपनी बात रख रहें हैं और कोर्ट है की लगातार तारिख पर तारिख देता जा रहा हैं. ऐसे में जब अर्नब को क्वारंटाइन सेंटर से तलोजा जेल के लिए शिफ्ट किया जा रहा था तब उन्हें मीडिया तक अपनी बात पहुंचाने का मौका मिला.
चेहरे से काफी भयभीत दिख रहे अर्नब गोस्वामी ने अपनी हत्या की आशंका भी जताई. बात करें तलोजा जेल की तो यह एक बड़ी जेल हैं और इसमें आतंकवादी, नक्सलवादी, छोटे मोटे गैंगस्टर्स और तो और दावूद इब्राहिम की गैंग के भी कई गैंगस्टर्स इस जेल में बंद हैं. अर्नब अपने न्यूज़ चैनल में दावूद का भी मुद्दा कई बार उठाते थे, बॉलीवुड में सप्लाई होने वाली ड्रग्स कहाँ से आती हैं यह अभी तक बाहर नहीं आया.
ऐसे में क्या हो अगर ड्रग्स का यह पूरा नेटवर्क दावूद का हो जिसे अर्नब ने पिछले कुछ महीनो में पूरी तरह से देश के सामने उजागर कर दिया हो? सवाल कई और ऐसे में यह भी सवाल बनता है की अर्नब को ऐसी जेल में बंद क्यों किया गया? क्या वो आतंकवादी हैं? क्या वो गैंगस्टर हैं?
इन्ही आशंकाओं के बीच पूर्व मेजर जनरल जीडी बक्शी ने मीडिया को बयान देते हुए कहा है की, “पाकिस्तान के अंदर सरबजीत को भी जेल में कैदियों से मरवा दिया गया था, अब अर्नब गोस्वामी के साथ भी उसी तरह की घटना को अंजाम दिया जा सकता है.”