अमेरिका में हुए चुनाव और उसमे हुए विवाद के बाद आखिरकार अमेरिका को अपना नया राष्ट्रपति मिल ही गया. भारतीय राजनीतिक विशेषज्ञ बाइडेन की भारतीय नागरिकों को लेकर बनाई जाने वाली पॉलिसी को ट्रम्प की पॉलिसी से ज्यादा अच्छा मान रहें हैं. इसका एक सबूत बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के साथ ही उनके द्वारा जारी दस्तावेज में मिलता हैं.
दस्तावेज के अनुसार बाइडेन 5 लाख भारतियों समेत दुनिया भर के 1 करोड़ 10 लाख लोगों को अमेरिका की नागरिकता प्रदान करने जा रहें हैं. इसके साथ ही वह कम से कम 95000 और इसके बाद 125000 लोगों को सालाना शरणार्थी के तौर पर अमेरिका में प्रवेश दिलाने को लेकर भी एक कानून बनाने का प्रयास करने के हक़ में हैं.
बाइडेन से पहले ट्रम्प ने अमेरिका फर्स्ट का नारा देते हुए, अमेरिका में नागरिकता देने का नियम बहुत ज्यादा कठोर कर दिया था. जिस वजह से पांच साल पूरा करने के बाद भी लोगों को अमेरिका में नागरिकता लेने में बहुत ज्यादा दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा था. बाइडेन द्वारा जारी किये गए दस्तावेज़ में कहा गया है की वह भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनवाने में मदद करने, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग में कमी नहीं लाएंगे.
आपको बता दें की जो बाइडेन के आने से ईरान पर लगे अमेरिकी सेशंस हट सकते हैं, जिसे डोनाल्ड ट्रम्प ने लगाया था. इस वजह से भारत को ईरान से तेल खरीदना बंद करना पड़ा था और चाबहार पोर्ट का प्रोजेक्ट भी खतरे में आ गया था. बात करें भारत और अमेरिका के बीच होने वाले ट्रेड की तो जो बाइडेन का कहना है की, वह भारत और अमेरिका ट्रेड डेफिसिट को बराबर लाने का प्रयास करेंगे.
जो बाइडेन का भारत से लगाव पुराना हैं उन्होंने 2006 में मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा था की, “मेरा ख्वाब है कि 2020 में दुनिया के दो सबसे करीबी मुल्क भारत और अमेरिका हों. अगर ऐसा होता है तो दुनिया पहले से अधिक सुरक्षित होगी.” इफ्तेफाक से 2016 में हिलेरी हार का सामना करना पड़ता हैं और उनकी पार्टी 2020 में जो बाइडेन को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना देती हैं. अब देखना यह होगा चीन और पाकिस्तान के मुद्दे पर जो बाइडेन का भारत के लिए क्या रुख रहता हैं, जिसका फिलहाल कोई जिक्र हमें देखने को नहीं मिला.