राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच अब राज्य में पुलिस प्रशासन और व्यवस्था को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा हैं. दरअसल पश्चिम बंगाल में लोग घरों में बम बनाने का काम कर रहें हैं, आप भी हफ्ते में एक दो ख़बरें ऐसी जरूर सुनते या पढ़ते होंगे की पश्चिम बंगाल में घर में बम बनाते हुए घर में हुआ धमाका.
पश्चिम बंगाल के हालात ऐसे हैं की छोटे-छोटे झगडे में लोग एक दूसरे पर बम दाग देते हैं. ऐसे में राज्यपाल ने कहा की, “आपको पता नहीं है बंगाल में क्या हो रहा है. कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और पुलिस-नौकरशाह शासन कर रही पार्टी के राजनैतिक गुलामों की तरह काम कर रहे हैं. अपराध का ग्राफ ऊपर जा रहा है और आतंकी संगठन अलकायदा मुर्शीदाबाद में पर फैला रहा है.”
धनखड़ ने कहा की बम ले जाने के लिए राज्य में एम्बुलेंस का इस्तेमाल होता है. यहां जनसभाओं या फिर राजनैतिक रैली के दौरान बम चलाये जाते हैं, न तो पुलिस बम बनाने वालों पर लगाम लगा पा रही हैं और न ही इन्हें इस्तेमाल करने वालों पर. उन्होंने कहा की निंदा करना मेरा काम नहीं हैं, मैं इसमें विश्वास भी नहीं रखता. मैं समस्या को हल करने में विश्वास रखता हूँ, जिसके लिए मैं मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखता हूं जिसका जवाब मुझे आता ही नहीं.
पश्चमी बंगाल में कोई यह नहीं कह सकता की यहां लोकतंत्र हैं, क्योंकि लोकतंत्र में विपक्षी पार्टी के नेताओं की हत्या नहीं होती. अगर हत्या हो तो कार्यवाही होती हैं, जबकि पश्चमी बंगाल में बीजेपी के इतने नेताओ और कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद आरोपी पकडे ही नहीं जाते. फिर आप कैसे कह सकते हैं की यहां लोकतंत्र हैं, जब आप यह बर्दाश्त ही नहीं कर सकते की आपके राज्य का कोई नागरिक आपकी पार्टी को समर्थन नहीं करता?
राज्यपाल के आरोपों के बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने मीडिया को बयान देते हुए कहा की, “उन्हें (धनखड़ को) अपनी तनख्वाह का औचित्य साबित करना होता है. उनका दार्जिलिंग दौरा कुछ नहीं, बल्कि छुट्टी का बहाना है, क्योंकि इस बार पहाड़ियों पर मौसम काफी अच्छा है. मुर्शिदाबाद में बड़ी मुस्लिम जनसंख्या है, इसलिए कोई पूरे जिले को आतंक का केंद्र नहीं घोषित कर सकता. यह बेहद गलत है.”
हालाँकि बम बनाते हुए सबसे ज्यादा घर उड़ने की ख़बरें मुर्शिदाबाद से ही आती हैं. ऐसे में सवाल यह भी उठना लाज़मी है की अगर घर न उड़ता तो बम कहा इस्तेमाल होता? मरने से पहले उसने कितने बम सप्लाई किये होंगे, किसको किए होंगे. बम बनाने का आर्डर और पैसा कहा से आता हैं, बम बनाने का सामान कहा से आता है. उसके जैसे और कितने हैं बम बनाने वाले और कहां हैं? ऐसे सवालों की जाँच करने की बजाए खुले में तृणमूल कांग्रेस मुर्शिदाबाद के लोगों को क्लीन चिट दे रही हैं क्योंकि आबादी मुस्लिम हैं.