चीन, फ्रांस और अब ऑस्ट्रिया ने इस्लामिक कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाली मस्जिदों पर बैन लगाने का काम शुरू कर दिया हैं. जैसा की आप सब जानते हैं, वियना में सोमवार को मुस्लिम आतंकवादियों द्वारा हमला किया गया था. इसके बाद ऑस्ट्रिया की सरकार ने यहां पर मजूद मस्जिदों पर अवैध करार दिया हैं.
सोमवार को वियना में 6 अलग अलग हमलों का शिकार हुए लोगों में से 13 लोग बुरी तरह से घायल हो गए और 4 लोगों की मुस्लिम आतंकियों द्वारा हत्या कर दी गयी. इस हमले के पीछे आतंकी संगठन आईएसआईएस ने जिम्मेदारी ली हैं, ऐसे में ऑस्ट्रिया के गृहमंत्री कार्ल नेहमर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा की, “वियना में पुलिस की गोली से मारा गया संदिग्ध बम बेल्ट पहने हुए था. शुरुआती जांच में सामने आया है कि वह आईएस का आंतकवादी था.”
भारत की और से भी इस हमले की निंदा की गयी, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की, “दुख की इस घड़ी में भारत अपने दोस्त ऑस्ट्रिया के साथ खड़ा है.” ऑस्ट्रिया से पहले फ्रांस के दक्षिणी शहर नीस और पेरिस में भी आतंकी हमले हुए जहां मुस्लिम युवकों के द्वारा चाकू से हमला किया गया और एक जगह तीन और एक जगह एक नागरिक की मृत्यु हुई.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ऑस्ट्रिया में हुए इस आतंकी हमले की निंदा की और कहा की, “फ्रांस, ऑस्ट्रियाई लोगों के दुख की घड़ी में उनके साथ हैं. फ्रांस के बाद, हमारे एक मित्र देश पर हमला हुआ है. यह हमारा यूरोप है. हमारे दुश्मनों को पता होना चाहिए कि वे किससे लड़ रहे हैं. हम झुकेंगे नहीं.”
जब भी बात आतंक और आतंकवाद की होती है तो अक्सर ज्यादातर देश इसे इस्लामिक फोबिया कहकर टाल देते हैं. कुछ साल पहले यूरोप के देश भी ऐसी घटनाओं को इसी नज़र से देखते थे और मुस्लिम शरणार्थियों को अपने देश में जगह देते थे. नतीजा यह हुआ की जिन देशों में कई दशकों से शांति का माहौल था, वहां अब खून खराबा होता है और बाकी के मुस्लिम देश और लोग इस खून खराबे को जायज़ भी मानते हैं.