महाराष्ट्र में इस वक़्त हालात क्या चल रहें हैं आप सभी जानते हैं, ऐसे में जिन कारणों को लेकर अर्नब गोस्वामी को महाराष्ट्र की पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं. वही कुछ आरोप शिवसेना के सांसद ओमप्रकाश राजे निम्बालकर पर भी हैं और लोग उद्धव ठाकरे से पूछ रहें है की ओमप्रकाश पर कार्यवाही कब होगी.
लगभग दो साल पहले एक व्यक्ति ने अपनी माँ के साथ आत्महत्या कर ली थी, उसकी पत्नी पहले से ही अपने बॉयफ्रेंड के साथ लिविंग रिलेशनशिप में रह रही थी. कुछ दिन बाद उस व्यक्ति की बेटी जो की अपनी माँ के साथ रहती थी. अचानक उसने एक दिन पुलिस थाने में रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी पर आरोप लगाते हुए कहा की, उन्होंने पापा के पैसे नहीं दिए थे. जिस वजह से पापा और दादी ने आत्महत्या कर ली, अर्नब गोस्वामी ने उस व्यक्ति के द्वारा दिए गए बिल और उन बिल के खिलाफ उस व्यक्ति को जारी की गयी पेमेंट के प्रूफ कोर्ट में पेश किये.
अर्नब गोस्वामी केस जीत गए और केस बंद हो गया, उसके दो साल बाद पुलिस ने बिना कोर्ट की इज़ाज़त के दुबारा केस ओपन कर दिया और अर्नब गोस्वामी को उस वक़्त गिरफ्तार किया जब वह लगातार मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र की सरकार के खिलाफ आवाज़ उठा रहे थे. ऐसे में साफ़ जाहिर होता है की यह मामला बदले की भावना का था न की न्याय दिलाने की भावना का.
लेकिन इसके जैसा ही एक केस और है जिसमें मरने वाले किसान ने बाकायदा एक पत्र छोड़ते हुए लिखा था की शिवसेना सांसद ओमप्रकाश राजे निम्बालकर ने ही उसे आत्महत्या करने पर मज़बूर किया हैं. इसके बावजूद पुलिस ओमप्रकाश राजे के के खिलाफ कार्यवाही करने में नाकाम रहती हैं.
अब रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद उस किसान परिवार की मांग है की शिवसेना सरकार उनके परिवार को भी इसी तरह से न्याय दे. इसी तरह से तुरंत कार्यवाही करते हुए अपने सांसद ओमप्रकाश राजे निम्बालकर को गिरफ्तार करे. सोशल मीडिया पर लोग उस परिवार को न्याय दिलाने के लिए एकजुट होते हुए दिख रहे हैं, लेकिन मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार दोनों ही इस मामले पर चुप रहना पसंद कर रहे हैं.