दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार स्वास्थ से जुडी अन्य सुख सुविधाओं को देश-दुनिया की सबसे बेहतरीन बताने में कोई कसर नहीं छोड़ती. ऐसे में दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर का आना अपने आप में चिंता का विषय बन जाता है की, क्या आम आदमी पार्टी के दावे मात्र चुनावी दावे भर हैं?
इसी कोरोना को लेकर अब तो दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी चिंता जताते हुए कहा है की, “कोरोना महामारी दिल्ली की सरकार पर पूरी तरह हावी हो चुकी है. दिल्ली आम आदमी पार्टी सरकार यहाँ की जनता के स्वास्थ्य को हल्के में लिया अब उन्हें अलग से इसका सामना करना पड़ेगा. इस तरह के हालात दिल्ली की कार्यप्रणाली पर तमाम प्रश्न खड़े करते हैं.”
आपको बता दें की दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश हिमा कोहली और सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने आम आदमी पार्टी को इस मुद्दे पर खरी-खोटी सुनाई हैं. दिल्ली इस वक़्त दो तरीके से मार झेल रहा हैं, पहली वायु प्रदुषण और दूसरा कोरोना. ऐसे में दिवाली सर पर है और पटाखों पर भी बैन लगाया जा चूका हैं. इसके बावजूद वहां प्रदुषण कम होने का नाम नहीं ले रहा, प्रदुषण इतना ज्यादा है की मानो जैसे ठण्ड में वहां कोहरा पड़ रहा हो.
वायु प्रदुषण कम करने को लेकर एयर प्योरिफायर टावर्स दिल्ली में इनस्टॉल किये जाने थे. सरकार इस पर हर साल सोचती है, बयान देती है और अगले साल के लिए मामले को टाल देती हैं. ऐसे में सवाल यह भी उठता है की क्या सरकार को यह काम युद्ध स्तर पर शुरू नहीं करना चाहिए? जिससे देश की राजधानी में रह रहे लोग कम से कम साफ़ हवा में सांस तो ले सके.
इस पीठ ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पर एक कटाक्ष लेते हुए कहा की, “सरकार इस बात को लेकर तमाम तरह के दावे करती है कि वह टेस्टिंग के मामले में सबसे आगे हैं लेकिन मामलों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी हुई है. यह शहर बहुत जल्द देश का ‘कोरोना कैपिटल’ बन जाएगा. यह सब कुछ लगातार बढ़ते हुए मामलों की संख्या के चलते होगा. अब हमें इस पूरे प्रकरण को बेहद गंभीरता से लेना होगा.”