बिहार में विधानसभा चुनाव 2020 चल रहें हैं और 243 विधानसभा सीटों पर 7.2 करोड़ लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हुए किसी पार्टी को राज्य चलाने की कमान सौंपेंगे. 2015 के आंकड़ों की बात करें तो तब राज्य में मात्र 6.7 करोड़ ही मतदाता थे, यानी इन पांच सालों में 50 लाख लोग पहली बार विधानसभा चुनाव में अपना वोट दर्ज़ करेंगे.
देश और दुनिया में फैली महामारी के चलते सरकार ने 7 लाख Hand Sanitizer, 46 लाख Mask, 6 लाख PPE Kits और Face Shield, 23 लाख जोड़े Gloves का इंतजाम जनता के लिए किया हुआ हैं. इसके साथ ही जनता को Social Distancing का भी पालन करवाया जाएगा.
आज हम बताने जा रहें है बिहार की वह विधान सभा सीट जिसको लेकर आज तक लालू यादव की पार्टी जीत नहीं दर्ज़ कर पायी. यह सीट है काराकट लोकसभा सीट में आने वाली औरंगाबाद जिले की गोह विधानसभा सीट. इस सीट पर RJD प्रत्याशी दूसरे नंबर पर बहुत बार रहा है लेकिन कभी जीत का स्वाद नहीं चख पाया.
इस सीट पर JDU की बहुत मजबूत पकड़ थी, लेकिन जब JDU BJP से अलग हुई तो BJP JDU के खिलाफ मनोज कुमार नाम का प्रत्याशी उतारा और JDU का यहाँ जादू ख़त्म हुआ और BJP ने इस सीट पर जीत दर्ज़ कर ली. 2010 में हुए बिहार चुनाव में एक बार लगा था की RJD इस बार बाज़ी मार जाएगी और एक-एक वोट उस समय कीमती नज़र आ रहा था.
उस समय RJD ने अपनी पार्टी का टिकट राम अयोध्या प्रसाद यादव को दिया था और JDU ने अपनी पार्टी का टिकट रणविजय कुमार को दिया था. कांग्रेस, सीपीआई समेत आज़ाद उम्मीद वारों को मिला लें तो कुल 14 प्रत्याशी मैदान में मजूद थे. Top 2 में सबको पता था की मुकाबला JDU और RJD के बीच का हैं.
पहले राउंड में ही 14 में से 12 प्रत्याशी चुनाव रेस से बाहर नज़र आ रहे थे, ऐसे में हर राउंड कभी RJD तो कभी JDU को आगे कर रहा था. नतीजा आया लास्ट राउंड में जहां सबकी साँसे अटकी हुई थी और अंत में बहुत मुश्किल की JDU अपना गढ़ बचाने में कामयाब रही. JDU के रणविजय को 47,378 वोट मिले थे जबकि RJD के राम अयोध्या प्रसाद को 46,684 वोट मिले थे. इसके साथ ही JDU के प्रत्याशी रणविजय ने 694 वोटों के साथ अपनी जीत दर्ज़ की थी.