भारतीय सरकार ने जम्मू कश्मीर से जब से धारा 370 और 35A को हटाया है. तब से ही वहां की लोकल पार्टियों में भाईचारा बढ़ गया हैं, जो पार्टियां पिछले 70 साल से एक दूसरे के साथ लड़ते हुए चुनाव में उतरती थी वह अब एक साथ चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही हैं.
इस गठबंधन को नाम दिया गया है गुपकर गठबंधन. इनके हिसाब से इनका मकसद है की वह जम्मू कश्मीर को उसका झंडा, धारा 370 और 35A वापिस दिलवाना है. अब बड़ी खबर यह भी आ रही है की, कांग्रेस भी इस गठबंधन में शामिल होने का विचार कर रही हैं.
इसको लेकर पुख्ता जानकारी जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति (जेकेपीसीसी) के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने मीडिया को देते हुए कहा है की, “जब पहली बैठक हुई तब मेरी तबीयत ठीक नहीं थी. दूसरी बैठक बहुत कम समय में बुलाई गई थी. राष्ट्रीय पार्टी होने के कारण, कांग्रेस को केंद्रीय आलाकमान से इन मुद्दों पर चर्चा करनी होती है. मुझे जब बैठक से मात्र तीन घंटे पहले सूचना दी गई थी तब मैं श्रीनगर में भी नहीं था.”
उन्होंने आगे कहा की, “हमने उनसे 10 नवंबर के बाद बैठक करने को कहा क्योंकि हमें कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से बात करनी होती जो बिहार चुनाव में व्यस्त है, लेकिन वह नहीं माने. इसलिए मेरे लिए उस दिन बैठक में शामिल होना संभव नहीं था.” इससे यह तो साफ़ होता है की मीर सोनिया गाँधी के इशारे का इंतजार कर रहें हैं.
सूत्रों की माने तो कांग्रेस अगस्त में ही गुपकर गठबंधन के समझौते पर हस्ताक्षर कर चुकी है, लेकिन बिहार विधानसभा और मध्यप्रदेश के उपचुनावों में इसका राजनितिक फायदा बीजेपी को न मिले इसलिए कांग्रेस अभी तक गुपकर गठबंधन से दुरी बनाकर चल रही हैं. ऐसे में चुनावों के बाद अगर कांग्रेस का गुपकर गठबंधन में शामिल होने की खबर मिले तो हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए, क्योंकि कांग्रेस पहले ही खुले में बयान दे चुकी है की वह धारा 370 और 35A वापिस लाने के पक्ष में हैं.