भारत एक ऐसा देश हैं, जहां दुनिया के किसी भी कौने में कोई भी छोटी सी घटना हो जिससे मुसलमानो की भावना आहत हुई हो. बस उसका प्रदर्शन भारतीय सड़कों पर आपको जरूर देखने को मिलेगा. फिर चाहे इस प्रदर्शन के बाद या पहले उस घटना का किसी भी प्रकार से कोई संबंध भारत से हो ही नहीं.
ऐसा ही हुआ फ्रांस में एक मैगज़ीन द्वारा मोहम्मद पैग़म्बर का कार्टून छापे जाने के बाद. फ्रांस भारत की तरह लोकतांत्रिक देश हैं और सबको अपने हिसाब से अपने विचार प्रगट करने का अधिकार हैं. जिस प्रकार भारत के मुस्लिम नेता बोलने की आज़ादी के नाम पर हिन्दू देवी देवताओं को लेकर गालियां निकालते हैं, वैसे ही फ्रांस की मैगज़ीन ने बोलने, लिखने और छापने की आज़ादी के नाम पर मोहम्मद पैग़म्बर पर कार्टून छाप डाला.
खैर बाद में मैगज़ीन बनाने वाली कंपनी में काम करने वाले सभी लोगों को मार गिराया, अब वापिस फ्रांस में एक टीचर ने अपनी क्लास के बच्चों को वही कार्टून दिखा दिया और उन बच्चों में से एक ने उस टीचर का भी गला काट दिया. लेकिन मामला ख़त्म नहीं हुआ, क्योंकि फ्रांस के राष्ट्रपति ने इस घटना को आतंकी घटना बताते हुए उस टीचर और उस मैगज़ीन बनाने वाली कंपनी के साथ खड़े हुए हैं.
अब इस घटना का भारत से कोई लेना देना नहीं हैं, फिर भी भारत में मुस्लिम कांग्रेस नेता सड़कों में निकलना शुरू हो गए हैं. अपने भड़काऊ भाषणों के दम पर यह भारत में एक बार फिर से बड़े पैमाने पर दंगे भड़काने की तैयारी कर रहें हैं. इसका एक उदाहरण मध्यप्रदेश में देखने को मिला जहां कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के नेर्तत्व में 2000 लोगों की भीड़ सड़कों पर उतर आई.
आरिफ़ ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा की, “फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बारे में अपशब्द कहे जाने को लेकर मेरे द्वारा इक़बाल मैदान में कार्यक्रम किया गया जिसमें हज़ारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराया!”
उसके बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तुरंत एक्शन लेते हुए ट्वीट करते हुए जानकारी दी की, “मध्यप्रदेश शांति का टापू है. इसकी शांति को भंग करने वालों से हम पूरी सख्ती से निपटेंगे. इस मामले में 188 IPC के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा, वो चाहे कोई भी हो.”