भारत में उबर टैक्सी का इस्तेमाल बड़े शहरों में आखिर किसने नहीं किया होगा, ऐसे में अब उबर के सीईओ ने भारत में मोदी सरकार बनाई गयी श्रम नीतियों को लेकर जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा है की, दुनिया को भारतीय श्रम नीतियों से सिखने और उसे अपनाने की जरूरत हैं.
उन्होंने कहा की आने वाले 10 साल यानि 2030 तक भारत को 6 करोड़ नई नौकरियों के अवसरों को पैदा करना होगा. हमने उबर के जरिये लाखों लोगों को रोज़गार दिया हैं. ध्यान रहें उनके 6 करोड़ नई नौकरियों से भाव सरकारी नौकरी से नहीं था. भारत की निति नियंता जो सामाजिक सुरक्षा कोड CoSS को पारित कर रहें हैं, उससे भारत के कामगारों को भी सामाजिक सुरक्षा जैसे लाभ मिल पाएंगे.
पहले यह सामाजिक लाभ केवल और केवल उन कर्मचारियों को मिलते थे जो फैक्ट्री या कारखानों में पक्के तौर पर काम करते थे या फिर जिनकी सरकारी नौकरी होती थी. भारत दुनिया भर के विकासशील देशों में से ऐसा पहला देश हैं जो अपने देश के कामगारों और कर्मचारियों को एक सम्मान अधिकार दे रहा हैं.
उन्होंने कहा इसका सबसे बड़ा फायदा आपको यह देखने को मिलता है की अब लोग सिर्फ नौकरी में ही नहीं बल्कि अस्थायी, लचीले रोज़गार, छोटी कंपनी, दुकानदार, स्वतंत्र कांट्रेक्टर या फिर मजदूर, फ्री-लैंसर जैसे कामों से भी अपना घर चलाने के लिए सोचना शुरू कर सकते हैं. क्योंकि ज्यादातर लोग नौकरी पेशा इसीलिए चुनते थे, क्योंकि उसमें उनको सरकार की तरफ से बिमारी का इलाज़ और अन्य सामाजिक सुविधा मुहैया होती थी.
उबर के सीईओ कहते है की मोदी सरकार ने कर्मचारियों और कामगारों दोनों को एक सम्मान सामाजिक सुरक्षा मुहैया करवा कर नए श्रम युग की शुरुआत कर दी हैं, जिसे पूरी दुनिया को देखना, सीखना और अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा इससे लोग नौकरी न मिलने पर ख़ुशी-ख़ुशी अपना खुद का रोज़गार तलाश लेंगे जो की आज के आधुनिक युग की जरूरतों के हिसाब से जरूरी भी हैं.
लोगों को यह बात जितनी जल्दी समझ आ जाये की रोज़गार का मतलब सिर्फ किसी के निचे नौकरी करना ही नहीं होता, उतना ही अच्छा हैं. क्योंकि आधुनिक समय की मांग है की लोग कर्मचारी नहीं बल्कि कामगार बने. उन्होंने कहा हम अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में अपनी कंपनी के नाम से टैक्सी चलवा रहें हैं, लेकिन जो सामाजिक सुविधा और सुरक्षा, कामगारों को भारतीय सरकार मुहैया करवाती है वो कोई दूसरा देश अभी नहीं करवा रहा.