बिहार चुनावों के बीच सोशल मीडिया पर राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक फ़र्ज़ी पत्र वायरल हो रहा हैं. इस पत्र की बिना सच्चाई जाने लोग इसे शेयर कर रहें हैं. आपको बता दें की इस फ़र्ज़ी पत्र में किसी ने पीएम मोदी व्यस्तता और अन्य राजनीतिक मसलों के बारे में चर्चा करते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की अपील लिखी हुई हैं.
मीडिया ने जब ज्योतिरादित्य सिंधिया से इस पत्र के बारे में बातचीत की तो उन्होंने कहा की किसी ने उनके नकली हस्ताक्षर करते हुए यह पत्र लिखा हैं. इसलिए उन्होंने क्राइम ब्रांच में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला पुलिस में दर्ज़ करवा दिया हैं. इस पत्र में लिखी गयी बातों पर गौर करेंगे तो ऐसा लगेगा की ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी के नेताओं से परेशान हो चुके हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी शिकायत कर रहें हैं.
आपको बता दें की यह मामला उस समय हुआ है जब बिहार चुनावों में NDA को बहुमत मिलने के आसार नज़र आ रहें हैं. इधर मध्यप्रदेश की बात करें तो यहाँ 3 नवंबर को उप चुनाव होने जा रहें हैं. फिलहाल यहां पर कई सीटों पर कांटे की टक्कर बताई जा रही हैं. ऐसे में इस फ़र्ज़ी पत्र का वायरल होना साफ़ तौर पर विपक्ष की राजनितिक चाल को दर्शाता हैं.
मध्यप्रदेश में आज भी ऐसे लोग मजूद हैं जो सिंधिया परिवार के नाम पर अपना कीमती वोट किसी पार्टी को वोट देते हैं. ऐसे में क्या हो जब उस राजघराने का ही अपमान कोई पार्टी करती हो? तो जाहिर है लोगों का मत बट जाएगा और इसका सीधा लाभ कांग्रेस को वहां देखने को मिलेगा जहाँ टक्कर कांटे की हो.
बात करें देश की जनता की तो भारतीय सरकार, भारतीय न्यूज़ चैनल या भारत की मशहूर हस्तियां लोगों से जितनी भी अपील कर लें की सोशल मीडिया पर आयी किसी भी खबर पर आँख मूँद कर भरोसा न करें. फिर भी लोग इस बात को मानने को तैयार नहीं होते और उसे ही सच मान लेते हैं जो उनके दोस्त या रिश्तेदार ने मोहल्ले की आंटियों की गॉसिप की तरह सोशल मीडिया पर कुछ भेजा होता हैं.