Madhya Pradesh Congress MLA Rahul Lodhi Join BJP: मध्यप्रदेश में सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद एक बार फिर से उपचुनाव की स्थिति बन गयी हैं. ऐसे में कांग्रेस के दमोह के विधायक राहुल लोधी ने अपना इस्तीफा प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को सौंपते हुए, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में बीजेपी का हाथ थाम लिया (Congress MLA Rahul Lodhi Join BJP).
Madhya Pradesh Congress MLA Rahul Lodhi Join BJP –
इससे कुछ दिन पहले राहुल लोधी के भाई प्रद्युम्न सिंह लोधी ने भी कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी के टिकट पर बड़ामलहरा में उपचुनाव लड़ने का फैसला किया था. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh News) में अभी कुल 28 विधानसभा में उपचुनाव होने जा रहे हैं, यह उपचुनाव 3 नवंबर को होंगे और 10 नवंबर को इसका रिजल्ट सबके सामने आएगा.
28 में से ग्वालियर-चंबल इलाके में 16 सीटों पर उपचुनाव होना हैं, इन 16 सीटों पर सिंधिया का बहुत अधिक प्रभाव देखने को मिलता हैं. इस इलाके में गुर्जर वोट बैंक बड़ी मात्रा में मजूद हैं और पहले इन इलाकों में होने वाले चुनावों के दौरान सचिन पायलट भी कांग्रेस का प्रचार करते हुए नज़र आते थे.
इसबार हालात अलग हैं, शायद यही कारण हैं मध्यप्रदेश में कांग्रेस पहले ही अपनी हार तय मान रही हैं. इसीलिए कोई बड़ा नेता चुनाव में पार्टी के प्रचार के लिए नहीं भेजा जा रहा. फिलहाल सारा दारोमदार कमलनाथ सिंह पर है, जिनके चेहरे के साथ कांग्रेस ने कभी मध्यप्रदेश में चुनाव लड़ा ही नहीं.
इन उपचुनावों के पीछे का कारण यह था की, कांग्रेस के युवा और वरिष्ठ राजनेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरपरस्ती में सिलावट एवं राजपूत समेत कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा देते हुए बीजेपी को ज्वाइन कर लिया था. इस वजह से मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा सीटें बीजेपी के पास होने के कारण मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार गिर गयी थी.
लगभग सात महीने बाद सत्ता में लौटे शिवराज सिंह चौहान ने 21 अप्रैल को पांच सदस्यीय मंत्रिमंडल में शामिल तो किया लेकिन उपचुनाव में हुई देरी की वजह से कोई भी आधिकारिक रूप से मंत्री पद नहीं पा सका. अब अगर कांग्रेस अपने मोहरों को सही से बिछा दे और पार्टी का प्रचार पुरे दमखम के साथ करती तो शायद मध्यप्रदेश में फिर एक बार कांग्रेस की सरकार देखने को मिलती, फिलहाल 28 में से 25 सीटों पर बीजेपी का पक्ष बहुत ज्यादा मजबूत हैं. ऐसे में कांग्रेस का सत्ता में आना ना मुमकिन हैं.