भारत के दुकानदारों ने चीन को इस साल त्योहारों पर लगभग 40000 करोड़ का झटका देने का मन बना लिया हैं. CAT यानी व्यापारिक संघठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स ने यह फैसला किया है की वह आगामी त्योहारों पर चीनी सामान की सप्लाई नहीं होने देंगे.
एक अनुमान के मुताबिक़ दीवाली के आस पास देश में लगभग 70000 करोड़ का व्यापार होता हैं. जिसमें से 40000 करोड़ का व्यापार सीधे तौर पर चीनी सामान पर होता था. अब पिछले कुछ सालों से लोगों में देशभक्ति जागने की वजह से चीनी सामान की बिक्री कम होने लगी है और चीन से सामान लाकर भारतीय बाजार में बेचने वालो को नुक्सान होने लगा इसलिए अब ट्रेडर्स ने चीन से माल उठाना लगभग बंद कर दिया हैं.
इसका सीधा फायदा अब हमारे देश के लोगों को मिलेगा फिर चाहे वह लोग खिलौने बनाने वाले हों, कपडे बनाने वाले हों, मिटटी के दिए बनाने वाले हों, सजावटी लाइट बनाने हों… सबको इसका भरपूर फायदा मिलेगा क्योंकि अब बाजार में चीनी नहीं बल्कि उनके हाथ का बना हुआ माल बिकेगा.
इसके लिए व्यापारिक संघठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स ने भारतीय लघु उद्योग चलाने वालों को दीवाली से पहले ही बड़े बड़े आर्डर दे दिए थे. जिससे इन उद्योगों को आर्थिक लाभ भी होगा और इन उद्योगों को आर्डर पूरा करने के लिए मैन पावर को बढ़ाना होगा, जिससे रोज़गार भी बढ़ेगा.
व्यापारिक संघठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया की हम चीन से आने वाले मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक एवं इलेक्ट्रिकल सामान, खिलौने, होम फर्निशिंग, किचेन एक्सेसरीज, गिफ्ट आइटम्स, घड़ियां, रेडीमेड गारमेंट्स, फैशन के कपड़े, फुटवियर, कॉस्मेटिक्स, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, फर्नीचर, एफएमसीजी प्रोडक्ट्स, कंस्यूमर ड्युरेबल्स, ऑफिस स्टेशनरी आदि दीवाली वाले दिन सबसे ज्यादा बिकते हैं. इसलिए हमने इन प्रोडक्ट्स की मांग के हिसाब से सप्लाई बनाने के लिए भारतीय लघु उद्योगों को पहले ही आगाह कर आर्डर दे दिया था.
व्यापारिक संघठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स की ब्यान से यह तो साफ़ हो गया है की, इस बार चीन को भारतीय त्योहारों के दौरान ज्यादा लाभ कमाने का मौका नहीं मिलेगा. यह त्यौहार भारतीय हैं और व्यापार के जरिए मुनाफा भी भारतीय लघु उद्योग ही कमाएंगे.