Congress Made A plan for Jyotiraditya Scindia: कांग्रेस से अलग हुए सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के लिए मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) में कांग्रेस (Congress) ने बड़ा प्लान बनाकर सिंधिया को अपनी सीट पर कड़ी चुनौती देने का फैसला किया हैं. दरअसल गुना और ग्वालियर को सिंधिया परिवार का गढ़ माना जाता हैं. सिंधिया के पिता ग्वालियर से चुनाव लड़ा करते थे, उसके बाद वहां बीजेपी का एक प्रत्याशी जयभान सिंह पवैया तेज़ी से वहां के वोटों को आपने पक्ष में करते हुए चुनाव जीतने लगा.
Congress Made A plan for Jyotiraditya Scindia-
माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर छोड़ने का फैसला किया और वह गुना से चुनाव लड़ने लगे. गुना सिंधिया परिवार का गढ बन गया माधवराव सिंधिया के बाद उनके बेटे यहाँ से चुनाव जीतने लगे. लेकिन 2019 मोदी लहर में सिंधिया भी अपनी सीट नहीं बचा पाए और गुना से वह चुनाव हार गए. अब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बीजेपी स्टाइल में सिंधिया के गढ में सेंध लगाने का विचार बना रही हैं.
गुना में कुल 4 विधान सभा की सीट आती हैं, इन चार सीटों में से 2 अभी भी कांग्रेस के पाले में हैं. दरअसल गुना की तीन सीटों में से दो सीटों पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के दोनों बेटे जीते हुए हैं. एक सीट पर बीजेपी का प्रत्याशी काबिज़ है और बची हुई एक सीट पर सिंधिया के समर्थन वाला प्रत्याशी बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहा हैं.
कांग्रेस ने दरअसल पूर्व मंत्री कन्हैयालाल अग्रवाल को टिकट देकर मैदान में उतारा हैं और बीजेपी के टिकट पर सिसौदिया चुनाव लड़ रहा हैं. अगर सिसौदिया चुनाव जीत जाता हैं तो ग्वालियर में बीजेपी और कांग्रेस के पास 2-2 सीटें हो जाएँगी. जो अगले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी और कांग्रेस से ज्यादा सिंधिया के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होगी.
गुना की बात करें तो सिंधिया जब खुद भी चुनाव जीतते थे तो बहुत बड़े अंतर से वह कभी भी चुनाव नहीं जीत पाए थे. ऐसे में अगर सिंधिया के समर्थन वाला प्रत्याशी चुनाव हार गया तो गुना में सिंधिया का गुना में साम्राज्य समाप्त हो जाएगा. 2019 में वह पहले ही अपनी लोकसभा सीट हार चुके थे, विधानसभा में दो सीट पर पहले से कांग्रेस का कब्ज़ा है और एक पर बीजेपी का अगर सिंधिया समर्थन वाला प्रत्याशी भी चुनाव हारता हैं तो गुना में सिंधिया के नाम का बचा क्या?