Republic media sues Parambir Singh for 200 crores: देश में मीडिया इस वक़्त दो गुट बनाकर बैठ गया हैं, एक गुट में देश के तमाम न्यूज़ चैनल हैं और दूसरे में रिपब्लिक भारत अकेला ही हैं. फ़र्ज़ी टीआरपी स्कैम का खुलासा करते हुए मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक भारत का नाम लिया था. बाद में पता चला की रिपब्लिक भारत का नाम एफआईआर में है ही नहीं बल्कि एफआईआर में टुडे इंडिया के ग्रुप का नाम था.
जब तक सच बाहर आया तब तक खुद इंडिया टुडे ग्रुप और ज़ी न्यूज़ जैसे तमाम न्यूज़ चैनल्स ने रिपब्लिक भारत को नीचे दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ी. ऐसे में कई ब्रांड्स ने रिपब्लिक भारत से दूरी बनाना शुरू कर दिया. इन ब्रांड्स में बजाज और पार्ले आते हैं. राहुल बजाज ने CNBC टीवी 18 से बातचीत करते हुए कहा की, “एक मजबूत उद्योग के लिए एक मजबूत ब्रांड नींव मानी जाती हैं. इसी तरह एक मजबूत उद्योग का कर्त्तव्य बनता हैं की वह समाज के उत्थान के लिए काम करे. हमारे ब्रांड ने ऐसी किसी चीज़ को बढ़ावा नहीं दिया जो समाज में द्वेष फैलाये.”
उधर लाइव मिंट पर इंटरव्यू देते हुए पार्ले जी के वरिष्ठ केटेगरी हेड कृष्णराव बुद्धा ने बयान दिया की, “हम ऐसी संभावनाओं की खोज में हैं, जहां अन्य विज्ञापन प्रसारित करने वाले साथ आ सके और एक ऐसा सन्देश भेज सके की जो न्यूज़ चैनल द्वेष फैला रहें हैं वे जल्द अपना कंटेंट बदल दें. हमारा ब्रांड ऐसे चैनल को विज्ञापन नहीं दे सकता जो वैमनस्य और आक्रमकता को बढ़ावा दे.”
बजाज और पार्ले की तरफ से आए इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर वामपंथी पत्रकारों का एक गुट एक्टिव हो गया. उन्होंने इसी बयानों का इस्तेमाल करते हुए रिपब्लिक भारत के खिलाफ लिखना शुरू कर दिया. रिपब्लिक भारत ने भी मुंबई पुलिस के परमबीर सिंह पर 200 करोड़ रूपए का मानहानि का केस ठोक दिया हैं.
क्योंकि परमबीर सिंह ही वह इंसान थे, जिन्होंने रिपब्लिक भारत की छवि खराब करने के लिए TRP Scam वाली FIR में नाम ना होने के बावजूद उनके ऊपर TRP Scam करने का आरोप लगाया था. इस वजह से रिपब्लिक भारत से कुछ ब्रांड्स ने दुरी बना ली और रिपब्लिक भारत को बिना किसी तथ्य या सबूत के महज़ एक झूठे आरोप से करोड़ो रूपए का नुक्सान हो गया.